नई दिल्ली| भारत में कोरोना वायरस के मामले 52 लाख पार हो गए. शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 52,14,678 पुष्ट मामले हैं जिसमें से 41,12,552 लोग ठीक हो गए हैं, 84,372 की मौत हो गई है और 10,17,754 एक्टिव केस हैं.
वहीं देश में फिलहाल वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार हो रहा है. देश में फिलहाल तीन वैक्सीन्स का ट्रायल हो रहा है. इसमें से एक वैक्सीन ऑक्सफोर्ड की , दूसरी भारत बायोटेक और तीसरी जायडस कैडला की है.
बात ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन की करें तो इसे फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनका ने मिलकर तैयार की है. दुनिया की सबसे एडवांस वैक्सीन में से इस टीके को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट देशभर में 14 जगहों पर डेढ़ हजार लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल करेगा.
भारत के अलावा इस वैक्सीन का ब्रिटेन, अमेरिका, ब्राजील समेत अन्य देशों में ऑक्सफोर्ड का ट्रायल चल रहा है. ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर आईसीएमआर नजर रख रहा है.
इसके साथ ही आईसीएमआर और भारत बायोटेक साथ मिल कर वैक्सीन बनाई है जिसका नाम Covaxin है. यह एक इनएक्टिवेटेड वैक्सीन है.
मतलब इसमें कोरोना के मारे गए वायरस को डोज दी जाती है जिससे शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीप पैदा होती है.
हाल ही में कंपनी की ओर से जानकारी दी गई थी कि जानवरों पर यह वैक्सीन सफल रही है और फिलहाल इसका दूसरे फेज का ट्रायल चल रहा है.
वहीं तीसरी वैक्सीन जायडस कैडिला का फिलहाल इंसानों पर फेज 1 का ट्रायल चल रहा है. डीजीसीआई ने देश में बनाई गई इस वैक्सी पर ह्यूम ट्रायल की परमिशन जुलाई में दी थी.
डीएनए बेस्ड जायडस कैडिला की वैक्सीन अहमदाबाद वैक्सीन टेक्नॉलॉजी सेंटर में विकसित कई गई है. यह वैक्सीन चूहों और खरगोश पर टेस्ट की जा चुकी है जिसका डेटा डीजीसीआई के पास है.
वहीं सरकार ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस का टीका विकसित करने का काम विभिन्न चरणों में चल रहा है तथा 30 से अधिक वैक्सीन अभ्यर्थियों को सहयोग दिया गया जिनमे से तीन परीक्षण के अग्रिम चरण में हैं.