भारतीय शटलर प्रमोद भगत ने टोक्यो पैरालंपिक में कमाल का प्रदर्शन करते हुए बैडमिंटन सिंगल्स एसएल-3 का गोल्ड मेडल जीत लिया. इस तरह भारत को इन खेलों में चौथा गोल्ड मेडल मिला.
ओडिशा के रहने वाले 33 साल के भगत ने पैरालंपिक खेलों के बैडमिंटन सिंगल्स में भारत को अब तक का पहला गोल्ड मेडल दिलाया और इतिहास रचा. वह ओलंपिक या पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं.
इसी इवेंट में भारत के ही मनोज सरकार ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया. इसके साथ ही टोक्यो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 17 हो गई है जो उसका अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
दुनिया के नंबर-1 पैरा-शटलर प्रमोद भगत ने फाइनल में ब्रिटेन के डैनियन बेथेल को सीधे गेमों में 21-14, 21-17 से मात दी. उन्होंने इससे पहले केवल 36 मिनट तक चले सेमीफाइनल में जापान के डाइसुके फुजीहारा पर 21-11, 21-16 से जीत हासिल की थी. वहीं, मनोज सरकार ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में जापान के दाइसुके फुजिहारा को 22-20, 21-13 से सीधे गेमों में मात दी.
33 वर्षीय भगत ने पहले गेम में बढ़त बनाते हुए 21-14 से इसे जीता. इसके बाद दूसरे गेम में कड़ी टक्कर देखने को मिली. बेथेल ने देखते ही देखते 5-1 की बढ़त बना ली थी जिसे उन्होंने 11-4 किया. इसके बाद भगत ने लगातार 6 अंक लेते हुए स्कोर 10-12 किया. बाद में भगत ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए स्कोर 15-15 से बराबर किया और फिर बढ़त को 19-17 कर दिया. फिर लगातार 2 अंक लेते हुए 21-17 से दूसरा गेम जीतकर गोल्ड मेडल मैच अपने नाम कर लिया.
टोक्यो पैरालंपिक में यह भारत का चौथा और दिन का दूसरा गोल्ड मेडल है. इससे पहले मनीष नरवाल ने शनिवार को ही शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता. अवनि लेखरा ने निशानेबाजी में और सुमित अंतिल ने भालाफेंक में गोल्ड जीता है. मनीष नरवाल पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतने वाले सिर्फ छठे भारतीय खिलाड़ी हैं. पैरालंपिक खेलों में भारत को पहला गोल्ड मुरलीकांत पेटकर ने 1972 में दिलाया था.