आज हम एक ऐसे माध्यम की बात करेंगे जिसने करोड़ों लोगों को अपने विचार प्रकट करने के साथ बोलने की आजादी भी दी. बहुत ही कम समय में यह लोगों को अपनी बात रखने और विरोध प्रकट करने का सबसे मजबूत ‘हथियार और गेम चेंजर’ बन गया. इसके साथ ‘राजनीतिक दलों के नेताओं का भी यह प्लेटफार्म ‘सियासी अखाड़ा’ बन चुका है’.
पिछले डेढ़ सालों से कोरोना वायरस संकटकाल के दौरान देश में ‘भाजपा, कांग्रेस समेत तमाम सियासी दलों के नेताओं ने एक दूसरे पर इसी के सहारे आरोप-प्रत्यारोप और हमले बोलते आ रहे हैं’. सियासी दलों के नेता पिछले काफी समय से ‘वर्चुअल’ के माध्यम से बैठक और रैली भी कर रहे हैं. इसके साथ व्यापार, शॉपिंग संदेश, ऑनलाइन पढ़ाई, जागरूकता आदि क्षेत्र में भी ये प्लेटफार्म करोड़ों यूजर्स का साथी बना हुआ है. जी हां हम बात कर रहे हैं ‘सोशल मीडिया प्लेटफार्म’ की.
‘आज विश्व सोशल मीडिया दिवस है’ . हर साल 30 जून को विश्व सोशल मीडिया दिवस के रूप में मनाया जाता है. व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टि्वटर, यूट्यूब आदि ऐसे माध्यम हैं जो सोशल मीडिया के रूप में जाने जाते हैं. आज हम सोशल मीडिया की बढ़ती ताकत को लेकर बात करेंगे. ‘संचार माध्यम को लेकर करीब एक दशक पहले दुनिया क्या थी और आज क्या है, इन वर्षों में समूचे विश्व में अगर सबसे तेज ग्रोथ किसी की हुई है तो वह सोशल मीडिया ही है, हाल के वर्षों में मीडिया से भी ताकतवर सोशल मीडिया उभर कर सामने आया है’.
बता दें कि सोशल मीडिया दिवस का मुख्य उद्देश्य यह है कि विश्व में सोशल मीडिया संचार के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कैसे उभरा इसके बारे में सभी को बताया जा सके. ‘गौरतलब है कि उस समय विश्व में सोशल मीडिया के प्रभाव और वैश्विक संचार में इसकी भूमिका पर जोर देने के लिए विश्व सोशल मीडिया दिवस को मनाया गया था’. दुनिया भर में सबसे पहले 1997 में पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘सिक्स डिग्री’ लॉन्च किया गया था.
वहीं साल 2001 में इसके दस लाख से अधिक यूजर्स होने के बाद इसे बंद कर दिया गया . लेकिन कुछ वर्षों के बाद सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म ने दुनिया में तेजी से विस्तार शुरू कर दिया. ‘पिछले एक दशक से सोशल मीडिया दुनिया के कोने-कोने से लोगों को आपस में जोड़ने का अहम साधन बनकर उभरा है’. इसके अलावा सोशल मीडिया प्रमुख प्रभावशाली लोगों को अपना ब्रांड बढ़ाने में मदद करता है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार