28 सितंबर को पूरी दुनिया एक खतरनाक वायरस को दिवस के रूप में मनाती है.
पिछले कई महीनों से भारत ही नहीं समूचा विश्व कोविड-19 खतरनाक वायरस से जूझ रहा है.
ऐसे में हमें सभी वायरसों से अपने आप को बचाना है. आज हम बात करेंगे एक ऐसे ही खतरनाक वायरस ‘रेबीज’ की.
जी हां आज वर्ल्ड रेबीज डे है. आमतौर पर यह रेबीज जानवरों के काटने से फैलता है.
अधिकांश लोगों का मानना है कि यह कुत्तों के काटने से मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है.
लेकिन हम आपको बता दें कि कुत्तों के अलावा भी कई ऐसे जानवर है जिनके अंदर रेबीज होता है जैसे बिल्ली, बंदर, लंगूर आदि मनुष्य को काट ले तो जानलेवा हो जाता है.
लेकिन यह सच है कि इंसानों में रेबीज के कारण मौत और बीमारी से जुड़े 96 फीसद मामले कुत्तों के काटने की वजह से होते हैं.
वर्ल्ड रेबीज डे मनाने का उद्देश्य इसकी रोकथाम और लोगों में जागरूकता बढ़ाना है.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अफ्रीका और एशिया में होने वाले 95 प्रतिशत मामलों में रेबीज के कारण सालाना 150 से अधिक देशों में 59000 मानव मौतें होती हैं.
रेबीज एक घातक वायरस है जो संक्रमित जानवरों की लार से फैलता है.
रेबीज दरअसल एक वायरल इंफेक्शन है जो आमतौर पर इंफेक्टेड जानवरों के काटने से फैलता है.
यह पालतू जानवरों के चाटने, उनके लार के खून के संपर्क में आने से भी फैलता है.
जरूरी बात यह कि इस जानलेवा बीमारी के लक्षण काफी देर में नजर आते हैं.
जानवर के काटने का हल्का सा भी निशान है तो एंटी रेबीज इंजेक्शन जरूर लगवाना चाहिेए. इस मामले में लापरवाही ठीक नहीं.
यदि समय रहते इलाज न किया जाए या फिर इलाज में देर हो जाए तो ये जानलेवा साबित हो जाता है.
यह संक्रमण केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क पर हमला करता है
आमतौर पर जानवरों के काटने के बाद लक्षण दिखने के लिए 4 से 12 सप्ताह लगते हैं.
काटने और लक्षणों की शुरुआत के बीच की अवधि को ऊष्मायन अवधि के रूप में वर्णित किया गया है. शुरुआती लक्षण फ्लू के समान हो सकते हैं.
भारत में रेबीज के काफी ज्यादा मामले सामने आते हैं और यह आंकड़ा पूरे विश्व का 36 फीसद है. ये कुछ दिनों तक रह सकते हैं.
ये हैं रेबीज के लक्षण, रेबीज रोगियों में सिरदर्द, घबराहट, बुखार, बेचैनी, चिंता, भोजन निगलने में परेशानी, भ्रम की स्थिति, ज्यादा लार निकलना, अनिद्रा, पानी से डर, अंग में लकवा मार जाना आदि हैं.
बता दें कि रेबीज एक बेहद घातक वायरस है जो इंसानों और जानवरों को संक्रमित करता है.
यह संक्रमण केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क पर हमला करता है, और अगर इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाएं तो यह घातक हो सकता है.
घबराने की जरूरत नहीं है, अगर आप समय पर सही कदम उठाएंगे तो इस बीमारी को रोका जा सकता है.
सरकारी अस्पतालों में रेबीज के इंजेक्शन निशुल्क लगाए जाते हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार