वर्ल्ड हार्ट डे विशेष: भागदौड़ को विराम देकर आओ आज अपनी धड़कन की आवाज सुने

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माना कि आज के प्रतिस्पर्धा युग में भागदौड़ करना जरूरी है, अपने काम के प्रति जुनून और जोश अच्छी बात है. लेकिन इसके साथ वही व्यक्ति परिपक्व को माना जाता है जो इन परिस्थितियों में अपने स्वास्थ्य की देखभाल करते हुए धैर्य, संयम के साथ आगे बढ़ रहा है.

धैर्यवान इंसान हर कार्य में सफल होता है. अगर स्वास्थ्य सही है तो सब कुछ अच्छा लगता है. ‘स्वस्थ रहें मस्त रहें’ चिंता बिल्कुल न करें, जो होना है वह होकर रहेगा इसको कोई टाल नहीं सकता, लोगों को याद रखना होगा . आज बात होगी धड़कन पर .

जी हां आज 29 सितंबर है . इस दिन दुनिया भर में ‘वर्ल्ड हार्ट डे’ मनाया जाता है. आज चर्चा करेंगे स्वस्थ दिल कैसे रहे. हार्ट यानी दिल की धड़कन बता देती है इंसान कितना मजबूत और स्वस्थ है. अगर दिल मजबूत है तो इरादे भी बुलंद होंगे, रफ्तार भी जवां रहेगी .

आप अगर अच्छी हेल्थी जीवन जिएंगे तो दिल भी खुशहाल रहेगा. पिछले कुछ वर्षों से संसार भर में युवाओं में दिल की बीमारी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि दिनचर्या का बिगड़ना और अपने शरीर के प्रति लापरवाही दिखाना .

वर्तमान लाइफ स्टाइल, खान-पान और तनाव की वजह से हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं और 25-30 साल के युवा भी हार्ट अटैक के शिकार होने लगे हैं. दुनिया में हर साल 2 करोड़ से ज्यादा लोगों की जान कार्डियोवस्कुलर बीमारियों के कारण जाती है, इनमें भी सबसे ज्यादा मौत हार्ट अटैक की वजह से होती है.

आज पूरी दुनिया भर में कोरोना वायरस की वजह से लोगों में दहशत है . ऐसे में इस महामारी के प्रति बहुत ध्यान रखें क्योंकि यह खतरनाक वायरस हार्ट पर भी असर कर रहा है .

समय पर जांच और उचित दिनचर्या से हृदय रोग को नियंत्रित कर सकते हैं
हृदय रोग पूरे विश्व में एक गंभीर बीमारी है. उचित दिनचर्या और नियमित जांच कराने से इससे बचा जा सकता है. शुद्ध रक्त को शरीर के हर भाग तक पहुंचाता है दिल तनाव के कारण मस्तिष्क से जो रसायन स्रावित होते हैं वे हृदय की पूरी प्रणाली खराब कर देते हैं.

हृदय हमारे शरीर का ऐसा अंग है जो लगातार पंप करता है और पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को संचालित करता है. हृदय संचार प्रणाली के मध्य में होता है और धमनियों और नसों जैसी रक्त वाहिनियां अशुद्ध रक्त को शरीर के हर भाग से हृदय तक ले जाती हैं और शुद्ध रक्त को हृदय से शरीर के हर भाग तक पहुंचाती हैं.

इसके लक्षणों में बढ़ा हुआ रक्तचाप, उच्च ब्लड शुगर लेवल, उच्च रक्तचाप और मोटापा शामिल हैं. शराब और तंबाकू का सेवन, अनियमित नींद, फास्ट फूड और अनियमित जीवनशैली की वजह से हार्ट के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं .

हृदय की बीमारी का इलाज बचाव है और बचाव का सबसे सरल तरीका लाइफ स्टाइल में सही बदलाव है. एक जगह लगातार छह घंटे तक बैठना हृदय रोग का कारण बन सकता है .

विश्व हृदय दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है
लोगों को हृदय रोग के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2000 में हर साल 29 सितंबर को ‘विश्व हृदय दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया था.

अभी कुछ वर्षों पहले तक सितंबर के अंतिम रविवार को ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाया जाता रहा था, लेकिन 2014 से इसे 29 सितंबर के दिन ही मनाया जा रहा है.

हृदय रोग के मरीजों की संख्या दुनिया भर में लगातार बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना महामारी के समय में दिल की बीमारी लोगों को ज्यादा नुकसान पंहुचा रही है .

गलत खानपान, हर वक्त तनाव में रहना और समय पर एक्सरसाइज न करने की वजह से ये बीमारी अक्सर होती है. ऐसे बचाएं अपने दिल को. हर रोज 30 मिनट व्यायाम करें, खाने में हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं .

नमक और चिकनाई को कम करें, तंबाकू और शराब से दूर रहें, देर रात तक जागने से बचें, किसी भी मामले में तनाव न लें. जीवन में सकारात्मक सोच भी रखें.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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