फादर्स डे विशेष: पिता को भी खुशियां लौटाएं जो उन्होंने बच्चों के लिए ‘त्याग’ दी थी, आओ अपना फर्ज निभाएं

बच्चों की जरूरतों को पूरा करते-करते उम्र कब गुजर जाती है पिता को मालूम ही नहीं पड़ता . बच्चों को पढ़ा लिखा कर बड़ा इंसान बनाने में पिता अपना सब कुछ त्याग कर देते हैं. ‘पापा है तो दुनिया है खुशिया है, पिता के बिना जिंदगी वीरान होती है, तनहा सफर में हर राह सुनसान होती है’ . जिंदगी में पिता का होना जरूरी है, पिता के साथ से हर राह आसान होती है’.

पिता का प्यार और अनुशासन ही बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. बच्चे पिता काे देखकर ही अपना रास्ता चुनते हैं. पिता भी बच्चाें के लिए खुद काे सर्वश्रेष्ठ उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करने के लिए रात-दिन एक कर देते हैं. आज बात करेंगे पिता के उस समर्पण और अपनेपन की जिसे बच्चे जान नहीं पाते हैं. ‘कष्ट सहकर भी पिता बच्चों के लिए हमेशा मुस्कुराते हुए नजर आते हैं’.

आज फादर्स डे है. इस मौके पर आइए आज पिता और उनके प्यार को याद करते हैं. पिता के त्याग और बलिदान को देखते हुए पूरी दुनिया भर में फादर्स डे मनाया जाता है. पिता का प्यार और ‘आशीर्वाद’ बच्चों के लिए ताउम्र बना रहता है.‌ पिता कठिन से कठिन मुश्किलों से गुजरते हुए भी अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखते हैं . हमारे जीवन में पिता का महत्व बेहद खास होता है. मां तो हमेशा अपने प्यार को दर्शा देती है, लेकिन ऊपर से सख्त रहने वाले पिता बहुत कम ही मौकों पर अपना प्यार दिखाते हैं.

पिता हमारे भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए अपने सपनों और ख्वाहिशों को भी भूल जाते हैं. पिता के प्रति आभार जताने के लिए हर साल एक खास मौका होता हैै. वैसे तो आभार का कोई समय, काल और पल तय नहीं है. फादर्स डे मनाने की तारीख साल दर साल बदलती है.

भारत समेत अधिकतर देशों में फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है. इस साल 20 जून, रविवार को पिता दिवस मनाया जा रहा है. बता दें कि स्पेन, पुर्तगाल में फादर्स डे का आयोजन 19 मार्च, ताइवान में 8 अगस्त, थाईलैंड में 5 दिसंबर को होता है .

फादर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से मानी जाती है

यहां आपको बता दें कि फादर्स डे मनाने की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका से हुई थी. इस दिवस को मनाने के पीछे अलग-अलग मत हैं. माना जाता है वॉशिंगटन के स्पोकेन शहर में सोनोरा डॉड नाम की महिला ने अपने पिता की स्मृति में इस दिन की शुरुआत की थी. उनका पालन-पोषण उनके पिता ने पांच अन्य बच्चों के साथ सिंगल पैरेंट के तौर पर किया. उनकी मंशा पुरुषों के लिए मदर्स डे के जैसा आधिकारिक बराबरी की थी.

पहली बार फादर्स डे 19 जून,1909 को मनाया गया था. 20 जून, 1910 को वाशिंगटन ने फादर्स डे के तौर पर इस दिन को घोषित किया. इसके बाद 1916 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने इस खास दिन को मनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी. 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कुलिज ने फादर्स डे को राष्ट्रीय आयोजन घोषित किया. 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने इसे जून के तीसरे रविवार को मनाने का फैसला लिया था.

1 मई, 1972 को राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने फादर्स डे के मौके पर राष्ट्रीय छुट्टी का एलान किया. पहला आधिकारिक फादर्स डे का कार्यक्रम 18 जून, 1972 को मनाया गया. तभी से विश्व भर में फादर्स डे बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाने लगा. फादर्स डे उत्सव पितृ बंधन, बच्चों के जीवन, परिवारों और समाज में बड़े पैमाने पर पिता की भूमिका पर जोर देता है.

कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों में ढील दिया जाना शुरू हो गया, इसलिए आप अपने पिता के साथ इस दिन को खास तरीके से बिता सकते हैं. आओ इस फादर्स डे पर हम भी अपनी जिम्मेदारी निभाए अपने पिता को वह खुशियां लौट आए, जिसकी उन्हें तलाश है.‌

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

मुख्य समाचार

कांग्रेस के इस रवैये को लेकर प्रणब मुखर्जी की बेटी ने जताई ये नाराजगी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने...

मशहूर एक्ट्रेस उर्मिला कोठारे की रफ्तार कार ने ली दो जान, एक की मौत-दूसरा घायल

मुंबई के कांदिवली में फेमस एक्ट्रेस उर्मिला कोठारे की...

उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव: बीजेपी और कांग्रेस ने की प्रत्याशियों की घोषणा, सूची जारी

उत्तराखंड नगर निकाय चुनावों के लिए बीजेपी और कांग्रेस...

Topics

More

    मशहूर एक्ट्रेस उर्मिला कोठारे की रफ्तार कार ने ली दो जान, एक की मौत-दूसरा घायल

    मुंबई के कांदिवली में फेमस एक्ट्रेस उर्मिला कोठारे की...

    कांग्रेस के इस रवैये को लेकर प्रणब मुखर्जी की बेटी ने जताई ये नाराजगी

    पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने...

    Related Articles