हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे यानि विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनियाभर में हर साल डायबिटीज से करीब 40 लाख मरीजों की मौत होती है. ऐसे में हर नागरिक के लिए जरूरी हो जाता है कि वह इस बीमारी के बारे में जानें और जीवनशैली में बदलाव के जरिए इस पर काबू पाएं. जिस तरह यह बीमारी साल दर साल बढ़ते जा रही है वैसे में लोगों को जागरूक करना जरूरी हो जाता है और इसीलिए हर साल लोगों को डायबिटीज से जागरूक करने के लिए 14 नवंबर के दिन को वर्ल्ड डायबिटीज डे के रुप में मनाया जाता है.
कब हुई थी शुरूआत
विश्व स्तर पर अनुमानित 422 मिलियन वयस्क 2014 में डायबिटीज के साथ जी रहे थे. वर्ल्ड डायबिटीज डे की शुरुआत 1991 में हुई थी. दरअसल तब इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन और फिर विश्व स्वास्थ संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) डायबिटीज के बढ़ते रोगियों के बाद उपजे हालातों का आंकलन किया था और फिर विश्व मधुमेह दिवस की शुरूआत हुई. इसका मुख्य उद्देश्य डायबिटीज को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करना था. 14 नवंबर को को यह दिन मनाने को इसलिए चुना गया था क्योंकि इस दिन चार्ल्स बेस्ट के साथ मिलकर 1922 में इंसुलिन की खोज करने वाले चिकित्सा वैज्ञानिक सर फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्मदिन होता है. लियोनार्ड थॉम्पसन इंसुलिन इंजेक्शन प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति थे. इंसुलिन से शरीर में शुगर की मात्रा को काबू में रखने की सहायता मिलती है.
इस बार की थीम
आईडीएफ यानी इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन हर साल विश्व मधुमेह दिवस के लिए एक थीम तय करता है. 2021 के लिए यह थीम ‘डायबिटीज केयर तक पहुंच, यदि अभी नहीं, तो कब?’ है. लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के मकसद से यूएन में प्रस्ताव पारित कर मधुमेह अभियान के लिए 2007 में एक लोगो जारी किया गया. यह लोगों नीले रंग का है जो वैश्विक डायबिटीज समाज की एकता को प्रदर्शित करता है.
क्यों है खतरनाक
डायबिटीज कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोविड महामारी के इस दौर में 2021 में लाखों मधुमेह रोगियों की मौत हो चुकी है. कहा जाता है कि दुनियाभर में हर 10 में से एक वयस्क को मधुमेह की शिकायत है. विश्व में चीन के बाद भारत का नंबर आता है जहां इसके रोगियों की संख्या सबसे अधिक है. यह बीमारी हार्ट, किडनी, लीवर और आंखों से संबंधित तकलीफें देती हैं और गंभीर होने पर जानलेवा भी साबित हो सकती है.
ऐसे कर सकते हैं बचाव
उम्र बढ़ने के साथ मोटापा, हाइपरटेंशन जैसी वजहों से भी डायबिटीज हो सकात है. इसके अलावा काफी हद तक आपकी जीवनशैली भी इसके लिए जिम्मेदार होती है. जागरूकता ही इसका बचाव है. अपने आहार में पौष्टिक भोजन, दिनचर्या में व्यायाम और जीवन में संतुलन के जरिए आप इस बीमारी से खुद को दूर रख सकते हैं.