आज भी यह दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में एक मानी जाती है. इसका नाम सुनते ही अच्छा खासा स्वस्थ आदमी भी बीमार हो जाता है. जी हां हम बात कर रहे हैं कैंसर की. आज 4 फरवरी हैं, इस दिन पूरी दुनिया ‘कैंसर डे’ मनाती हैं. इस मौके पर आओ संकल्प लें, कैंसर को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने देंगे.
इस बीमारी के प्रति सचेत जागरूक भी रहना होगा. मौजूदा समय में हमारे खानपीन में कई नए तत्व शामिल हो गए हैं जिनसे यह तेजी से फैल रहा है. बता दें कि भागमभाग जीवन शैली के बीच स्वस्थ रहने के लिए अच्छा खानपान, हेल्थी लाइफस्टाइल जरूरी हैं, लेकिन जिस तरह से रहन-सहन बदल रहा हैं उससे कई तरह के रोग भी हो रहे हैं, इसमें सबसे गंभीर बीमारी कैंसर हैं.
कैंसर से बचाव और उसके प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाने की शुरुआत सन 1933 में हुई थी. इस साल विश्व कैंसर दिवस की थीम है ‘मैं हूं और मैं रहूंगा’.
यहां आपको बता दें कि ये थीम साल 2019 से 2021 तक यानि तीन साल के लिए रखी गयी है जो इस साल भी कायम है. सबसे पहले विश्व कैंसर दिवस वर्ष 1993 में जिनेवा, स्विट्रजलैंड में यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल के द्वारा मनाया गया था.
बता दें कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के मामले में भारत तीसरे नंबर हैं. चीन और अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मामले यहीं देखने को मिलते हैं. औसतन दुनिया भर में करीब 96 लाख लोगों की मौत इसकी वजह से होती हैं. इनमें 70 फीसदी मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं.
कैंसर के खतरों के बारे में आम लोगों को जागरूक करने और इसके लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो ये समझते हैं कि ये बीमारी छूने से फैलती है जिसके चलते लोग कैंसर के मरीजों से अच्छा व्यवहार नहीं करते.
कैंसर के संबंध में फैली गलत धारणाओं को कम करने और कैंसर मरीजों को मोटीवेट करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है. भारत में हर साल एक लाख से अधिक नए कैंसर के मामले सामने आते हैं. उनमें से ज्यादातर लोगों की मौत बीमारी की अनदेखी के कारण होती हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर आठ मिनट में एक महिला की मृत्यु कैंसर से होती हैं. वहीं नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन रिसर्च के अनुसार, देश में हर दो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का पता चलता हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार