आज हम एक ऐसे कलाकार की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने सफर की शुरुआत कुली और बस कंडक्टर से की लेकिन उनके जीने की स्टाइल बेमिसाल थी. जेब में चाहे पैसे हों या न हो लेकिन उन्होंने अपना जीने का तरीका नहीं बदला. जमीन से शुरुआत करने वाले यह एक्टर आज हिंदी और साउथ फिल्मों के साथ हॉलीवुड में भी लोकप्रिय हैं. आज यह दिग्गज एक्टर 71 बरस के हो गए.
उम्र के इस पड़ाव में भी प्रशंसकों के बीच इनकी एक्टिंग और दीवानगी सर चढ़कर बोलती है. हम बात कर रहे हैं सुपरस्टार रजनीकांत की. करोड़ों प्रशंसकों में रजनीकांत की एक्टिंग-स्टाइल का जादू छाया हुआ है. फैंस उनके डायलॉग और एक्शन के जबरदस्त दीवाने हैं. तमिल में तो प्रशंसक इन्हें भगवान का दर्जा भी देते हैं. उम्र के इस पड़ाव में भी रजनीकांत की लोकप्रियता कम नहीं हुई है. साउथ या हिंदी सिनेमा हो उनकी फिल्मों को देखने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग जाती है.
एक्टिंग के मामलें में वह युवा अभिनेताओं को पीछे छोड़ देते हैं. उनके लाखों फैंस हैं, जो उनकी एक झलक पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं. हम आपको बता दें कि सुपरस्टार रजनीकांत ने फिल्मी दुनिया के साथ राजनीति में भी कदम रखा . साल 2017 में उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी भी बनाई उसका नाम रजनी मक्कल मंड्रम रखा . लेकिन खराब स्वास्थ्य की वजह से वह राजनीति में नहीं आए. आइए आज जन्मदिवस पर रजनीकांत के निजी और फिल्मी सफर के बारे में जानते हैं.
12 दिसंबर 1950 को रजनीकांत का बेंगलुरु में हुआ जन्म, शुरुआती जीवन कष्टों से भरा रहा
बता दें कि रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर, 1950 को बेंगलुरु में हुआ था . उनके बचपन का नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है. उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ एक हवलदार थे. मां जीजाबाई की मौत के बाद चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रजनीकांत हैं. रजनीकांत का शुरुआती जीवन बेहद कस्ट भरा रहा. घर की माली हालत ठीक नहीं थी. उन्होंने अपना जीवन बहुत बुरी परिस्तिथियों में गुजारा. बाद में उन्होंने परिवार को सहारा देने के लिए कुली का भी काम किया था.
कुली का काम करने के साथ-साथ उनके दिमाग में फिल्मों में काम करने की इच्छा दबी हुई थी. स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद रजनीकांत ने बेंगलुरु ट्रांसपोर्ट सर्विस में बस कंडक्टर के रूप में काम करना शुरू कर दिया था. एक कंडक्टर के तौर पर भी उनका अंदाज निराला था या किसी फिल्मी सितारे से कम नहीं था.
वह अलग तरह से टिकट काटने और सीटी मारने की अपनी शैली को लेकर यात्रियों और दूसरे बस कंडक्टरों के बीच मशहूर थे. साथ ही सिनेमा से लगाव के चलते रजनी ने कन्नड़ रंगमंच को ज्वाइन कर लिया. कड़ी मशक्कत के साथ 1973 में उन्हें मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट के साथ काम करने का मौका मिला.
वर्ष 1975 में रजनीकांत ने तमिल फिल्म अपूर्वा रागंगाल से किया था डेब्यू
1975 में रजनीकांत की निर्देशक के. बालंचद्रन से फिर से मुलाकात हुई, तब उन्होंने रजनी को अपनी तमिल फिल्म के लिए छोटा सा रोल ऑफर किया. इस तमिल फिल्म का नाम ‘अपूर्वा रागांगल’ है. रजनीकांत ने इस फिल्म में एक बहुत छोटा-सा किरदार निभाया था, जिसे शायद ही किसी ने नोटिस किया होगा.
जिंदगी में लगातार करने सघंर्ष के बाद रजनीकांत को साल 1978 में तमिल फिल्म ‘भैरवी’ में पहली बार बतौर मुख्य अभिनेता के रूप में काम करने का अवसर मिला. यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई और उसके बाद रजनी के सुखी और सफल जीवन की शुरुआत हो गई थी.
जिसके बाद रजनीकांत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उनका फिल्मी करियर उतार-चढ़ाव से भरा है. उन्होंने पर्दे पर पहले नकारात्मक भूमिका और खलनायकी से शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने अन्य भूमिकाएं निभाईं और लेकिन बाद में रजनीकांत ने नायक के तौर पर पहचान बनाई.
साल 1983 में हिंदी फिल्म अंधा कानून से बॉलीवुड में की थी शुरुआत
रजनीकांत ने साल 1983 में फिल्म अंधा कानून से अपने बॉलीवुड में अपना डेब्यू किया. इस फिल्म में उनके साथ हेमा मालिनी और अमिताभ बच्चन भी नजर आए थे. उसके बाद रजनीकांत ने कई हिंदी फिल्मों में काम किया वह इस प्रकार हैं . मेरी अदालत’, ‘जॉन जॉनी जनार्दन’, ‘भगवान दादा’, ‘दोस्ती दुश्मनी’, ‘इंसाफ कौन करेगा’, ‘असली नकली’, ‘हम’, ‘खून का कर्ज’, ‘क्रांतिकारी’ ‘चालबाज’, फूल भरे अंगारे, ‘इंसानियत का देवता’ जैसी हिंदी फिल्मों से एक खास मुकाम बनाया है. इन हिंदी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर तगड़ी कमाई की थी. ऐसे ही तमिल फिल्म 2.0, ‘कबाली’ काला, दरबार भी सुपरहिट रही थी.
रजनीकांत ने अपने जीवन में 163 फिल्में की है जिनमें से 18 फिल्में ब्लॉकबस्टर, 62 फिल्में सुपरहिट और 31 फिल्में सेमी हिट रही हैं. बता दें कि सिनेमा जगत में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए रजनीकांत को 2014 में छह तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवार्ड्स से नवाजा गया. इसके अलावा रजनीकांत को साल 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.
साथ ही 45वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (2014) में रजनीकांत को सेंटेनरी अवॉर्ड फॉर इंडियन फिल्म पर्सनेल्टिी ऑफ द ईयर से भी सम्मानित किया गया. इसका अलावा उन्हें इसी साल सिनेमा जगत के सबसे बड़े सम्मान दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से भी नवाजा गया.
साल 1981 में रजनीकांत ने लता रंगाचारी से किया विवाह
रजनीकांत ने लता रंगाचारी से शादी की . लता ने कॉलेज मैगजीन के लिए उनका इंटरव्यू लिया था. उन्होंने 26 फरवरी, 1981 को आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में सात फेरे लिए थे. आज उनकी दो बेटियां हैं, ऐश्वर्या रजनीकांत और सौंदर्या रजनीकांत और उनकी पत्नी ‘द आश्रम’ नामक एक स्कूल चलाती हैं.
बेटी ऐश्वर्या की शादी धनुष के साथ 2004 को हुई थी. उनकी छोटी बेटी तमिल फिल्म उद्योग में निर्देशक और ग्राफिक डिजाइनर है. 2010 को वह उद्योगपति आश्विन रामकुमार के साथ शादी के बंधन में बंध गई. अपने अनोखे अंदाज और बेहतरीन अभिनय से फिल्म जगत में अलग मुकाम हासिल कर चुके सुपरस्टार रजनीकांत एक ऐसा नाम है, जो सभी की जुबां पर चढ़कर बोलता है. उम्र के इस पड़ाव में भी वह अभी तमिल फिल्मों में सक्रिय हैं.
रजनीकांत आज इतने बड़े सुपरस्टार होने के बावजूद जमीन से जुड़े हुए हैं. वह फिल्मों के बाहर असल जिंदगी में एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही दिखते हैं. उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा हैं कि तमिलनाडु में उन्हें भगवान की तरह पूजा जाता हैं. उनका संघर्ष अपने आप में प्रेरणादायी है.
शंभू नाथ गौतम