आज संडे है . लेकिन यह संडे बहुत ही खास और ममता से भरा हुआ है. वैसे तो यह हर 7 दिन बाद आता है. लेकिन मई महीने का दूसरा रविवार दुनिया भर के लोगों से जुड़ा हुआ है. आज बात शुरू करेंगे इन चंद लाइनों से. ‘सारे जहां में नहीं मिलता बेशुमार इतना, मां के प्यार में जितना सुकून मिलता है, मां है तो यह जहां प्यारा लगता है, मां तुम हो तो हर ओर उम्मीद खिलती है, तुम बिन कैसे होगा जीवन में सवेरा, साथ रहना है मां उम्र भर तुम्हारे, तुमसे जीवन को ऊर्जा मिलती है’.
आज एक ऐसा दिवस है जो इन चंद लाइनों से मैच करता है. आज मदर्स डे (मातृ दिवस) है. यह दिन दुनिया भर में माताओं का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है. मदर्स डे की कोई निश्चित तारीख नहीं होती लेकिन देश में यह हर साल मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है.
हालांकि अलग-अलग देशों में यह दिन अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है. मां में एक साथ बहुत सारी खूबियां मौजूद होती हैं, ममता, प्यार, पवित्रता, त्याग, ज्ञान, कर्तव्य, समर्पण आदि. मां को शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता है, क्योंकि मां अनमोल है. मदर्स डे मां के प्यार और ममता के लिए समर्पित है. सदियां बदल गईं, जमाना बदल गया या कहें पिछले कुछ वर्षों में संसार ही बदल गया. केवल मां का ही समर्पण और ममता में कोई बदलाव नहीं आया है.
बॉलीवुड में कई फिल्में मां के ऊपर बनी और सैकड़ों गीत भी मां पर लिखे गए. मां का जीवन ऐसा है वह अपने बच्चों के लिए ताउम्र ममता न्योछावर करती रहती है. मदर्स डे मां के सम्मान में मनाया जाता है.
यह दिन बच्चों के लिए खास होता है क्योंकि वह अपनी मां को बताते हैं कि वो उनसे कितना प्यार करते हैं. मां का नाम आते ही मन और मतिष्क में मातृत्व और करुणा से भरा वो चेहरा नजरों के सामने आ जाता है जिसे हम सब मां कहते हैं.
लोग इस दिन को पूरी तरह अपनी मां को समर्पित करते हैं. सदियों से हर युग में मां की महिमा का बखान हुआ है . मां अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की ख्वाहिशों को पूरा करने में निकाल देती है लेकिन हम कभी मां को उनके प्यार और ममता के लिए थैंक्स नहीं कह पाते हैं. मदर्स डे का दिन मां को थैंक्यू कहने के लिए सबसे बेस्ट है.
1912 में ‘मदर्स डे’ मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी
बता दें कि मदर्स डे मनाने की शुरुआत 1912 में अमेरिका से मानी जाती है. एना जार्विस एक प्रतिष्ठित अमेरिकन एक्टिविस्ट थीं जो अपनी मां से बेहद प्यार करती थीं. उन्होंने कभी शादी नहीं की. उनकी कोई संतान भी नहीं थी.
मां की मौत होने के बाद प्यार जताने के लिए उन्होंने इस दिन की शुरुआत की. मां भगवान का बनाया गया सबसे नायाब तोहफा है. हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है. संयुक्त राज्य अमेरिका में मातृ दिवस समारोह को पहली बार 20वीं शताब्दी में अन्ना जार्विस ने मनाया था.
1905 में उनकी मृत्यु के बाद उन्होंने अपनी मां की स्मृति में एक स्मारक का आयोजन किया. यह स्मारक पश्चिम वर्जीनिया के ग्राफ्टन के सेंट एंड्रयू मैथोडिस्ट चर्च में आयोजित किया गया . इस प्रकार, मातृ दिवस के उत्सव ने हमारे जीवन में उनके प्रयासों और मूल्य को पहचानना शुरू कर दिया.
1941 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने एक घोषणा पर हस्ताक्षर करने के बाद आधिकारिक रूप से अस्तित्व में आया. हालांकि, यह अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीखों में मनाया जाता है. जबकि यूके इसे मार्च के चौथे रविवार को मनाता है, लेकिन ग्रीस में इसे 2 फरवरी को मनाते हैं.
अमेरिका, भारत और कई देशों में मदर्स डे मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है . अपनी मां को खास महसूस कराने, उनके मातृत्व और प्यार को सम्मानित करने के उद्देश्य से बच्चे मदर्स डे मनाते हैं. पिछले कुछ दशकों में मां को समर्पित इस दिन को बहुत खास तरीके से मनाया जाता है.
इस दिन लोग अपनी मां के साथ समय बिताते हैं. उनके लिए गिफ्ट या कुछ सरप्राइज देते हैं. मदर्स डे वह दिन है जब आपको मौका मिलता है कि आप अपनी मां को एहसास कराएं कि वह आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण या खास हैं और आज आप जो भी हैं उनकी बदौलत ही हैं.
शंभू नाथ गौतम