आज मौनी अमावस्या है. दान पुण्य स्नान के साथ इस हिंदू त्योहार से कई धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. देश की पवित्र नदियों में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. इस दिन पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना शुभ फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ अमावस्या के दिन संगम तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है.
प्रयागराज संगम, वाराणसी, उज्जैन और हरिद्वार में सुबह से ही स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की सुबह से ही भीड़ लगी हुई है. बता दें कि हरिद्वार में इस बार महाकुंभ का आयोजन भी चल रहा है. इस दिन मौन धारण किया जाता है। शास्त्रों में बताया गया है इससे विशेष तरह की ऊर्जा मिलती है.
मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है। गंगा स्नान से भौतिक, दैहिक और दैविक के पापों से छुटकारा मिलता है. यदि कोई किसी कारण से गंगा स्नान करने नहीं जा सकता वो किसी भी दूसरी नदी या सरोवर तट आदि में स्नान कर सकता है.
आज मौनी अमावस्या के अवसर पर आइए जानते हैं इस त्योहार से जुड़ी कुछ विशेष बातें. माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के नाम से जानते हैं. इस साल मौनी अमावस्या आज है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है.
मौनी अमावस्या पर दान-पुण्य करने की रही है पुरानी परंपरा
यहां हम आपको बता दें कि इस दिन देश में दान पुण्य करने की सदियों पुरानी परंपरा चली आ रही है. मौनी अमावस्या पर तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, वस्त्र, अंजन, दर्पण, स्वर्ण तथा दूध देने वाली गौ आदि का दान किया जाता है.
इसके साथ ही गर्म कपड़े, दूध, खीर आदि भी दान किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन किए गए दान का विशेष फल मिलता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा और छह ग्रह मकर राशि में होने से महासंयोग बना रहे हैं.
इस शुभ संयोग को महोदय योग कहते हैं। मान्यता है कि महोदय योग में कुंभ में डुबकी और पितरों का पूजन करने से अच्छे फलों की प्राप्ति होती है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या (अमावस), माघ अमावस्या और थाई अमावसाई भी कहा जाता है. पंचाग के अनुसार,मौनी अमावस्या आरंभ गुरुवार 11 फरवरी को 01:10:48 बजे से होगा और 12 फरवरी को 00:37:12 बजे तक यह रहेगी.
मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने से ‘मुनि पद’ की प्राप्ति होती है
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