गांधी जयंती विशेष: नेताओं की सियासत से आक्रोश-आंदोलनों के बीच पीछे छूटते बापू और शास्त्री के विचार


2 अक्टूबर को दो ऐसे महान व्यक्तियों का जन्मदिन पड़ता है, जिनका जीवन ही प्रेरणादायक रहा है. इनके विचार, सादा जीवन देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए आज भी प्रेरणास्रोत है. हम आज बात करेंगे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अपने साधारण जीवन के बल पर प्रधानमंत्री के पद पर पहुंचने वालों वाले लाल बहादुर शास्त्री की.

शांति और अहिंसा के प्रबल समर्थक बापू की आज 151वीं जयंती है. वहीं दूसरी ओर अपनी सादगी की वजह से दुनिया भर में पहचान बनाने वाले लाल बहादुर शास्त्री की भी आज 116वीं जयंती है.



‘सबसे बड़ा सवाल यह है कि आज इन दोनों की जयंती पर देशवासी इन्हें नमन तो कर रहे हैं लेकिन बापू के विचार-गांधीवाद और शास्त्री की सादा जीवन, शिक्षाप्रद बातों को कहां तलाशेंगे’ ? क्या कल्पना कर सकते हैं ‘आज जो आक्रोशित समाज और सड़कों पर है, क्या बापू और शास्त्री के विचारों से मेल खाता है’ ?

‘राजनीतिक पार्टियां या नेता सत्ता के सुख के लिए इतने आगे निकल गए हैं कि अब इनको गांधी और शास्त्री के विचार इतिहास या किताबोंं में ही नजर आते हैं, आज जयंती पर हमारे देश में राजनीतिक दलों के नेताओं में बापूूू और शास्त्री को नमन करने की होड़ लगी हुई है, जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि सियासत दलों ने उसूलों और सिद्धांतों की राजनीति को खूंटी पर टांग दिया है’.

‘कहीं न कहीं उग्र होते समाज में नेताओं का ही अक्स और विचारधारा दिखाई पड़ती है’. आज पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान केंद्र सरकार के कृषि विधेयक के विरोध में सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं.

‘दूसरी ओर हाथरस समेत कई जिलों में हुई गैंगरेप की घटनाओं के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं के भड़काऊ बयान और समाज को बांटने की सियासी दांवपेच के बीच देशभर में लोग आक्रोशित होकर सड़कों पर आंदोलित हैं’. ऐसे में गांधी और शास्त्री के विचारों और उनके प्रेरणादायक जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.


गांधी-शास्त्री की जयंती पर नेताओं में लगी सत्य और अहिंसा के पुजारी बनने की होड़
हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर राजनीति दलों के नेताओं में इन्हें नमन और श्रद्धांजलि देने की होड़ लगी रहती है.

‘इस दिन हर एक छोटे से बड़ा नेता चाहता है कि हम देश की जनता के सामने सत्य और अहिंसा के सबसे बड़े पुजारी होने का प्रमाण पत्र पा जाएं’, लेकिन इनकी अंतरात्मा आज के समाज में सियासत के उगलते जहर को देख जरूर कचोटती होगी’.

आइए आपको बताते हैं आज बापू और शास्त्री की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद करते हुए क्या कहा. पीएम मोदी शुक्रवार सुबह श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट पहुंचे.

मोदी ने यहां महात्मा गांधी को नमन किया. इससे पहले मोदी ने ट्वीट करते हुए भी बापू को नमन किया. पीएम ने लिखा कि ‘हम गांधी जयंती के मौके पर प्यारे बापू को नमन करते हैं.

उनके जीवन और महान विचारों से सीखने के लिए बहुत कुछ है, बापू के आदर्श हमें समृद्ध और करुण भारत बनाने में मार्गदर्शन करते रहेंगे’.

इसके अलावा नरेंद्र मोदी ने विजय घाट पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी श्रद्धांजलि दी और नमन किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें नमन किया.

राष्ट्रपति ने ट्वीट करते हुए लिखा कि गांधी जयंती के दिन, कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूं.

सत्य, अहिंसा और प्रेम का उनका संदेश समाज में समरसता और सौहार्द का संचार करके समस्त विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है, वे संपूर्ण मानवता के प्रेरणा-स्रोत बने हुए हैं.

ऐसे ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा कि गांधी जी के असाधारण व्यक्तित्व व साधनापूर्ण जीवन ने विश्व को शांति, अहिंसा और सद्भाव का मार्ग दिखाया.

‘इस मौके पर अमित शाह नेे तो पीएम मोदी को भी नमन कर डाला, शाह ने कहा कि स्वदेशी के उपयोग को बढ़ाने के उनके स्वप्न को पूर्ण करने के लिए आज पूरा देश मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ स्वदेशी को अपना रहा है, गांधी जयंती पर उन्हें नमन’.

ऐसे ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तमाम नेताओं ने बापू-शास्त्री जयंती पर उन्हें नमन करते हुए उनकेे विचारों से समाज को प्रेरणा लेने की बात कही. ‘गांधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के नाम एक प्रेरणादायक बापू का वीडियो भी जारी किया है’.


‘राज-नीति’ की वजह से आज किसान सड़क पर नेताओं को दे रहा आदर्श समाज की चुनौती

‘राज-नीति’ की वजह से ही महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर कई राज्यों के किसान सड़क पर उतर कर राजनीतिक दलों को आदर्श समाज की चुनौती भी दे रहे हैं.

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयकों को लेकर किसानों का गुस्सा अभी थमा नहीं है. देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.



पंजाब में किसानों के द्वारा रेल रोको अभियान जारी है, साथ ही उत्तर प्रदेश, दिल्ली के आसपास के इलाकों में भी विरोध हो रहा है. पंजाब के अलग-अलग इलाकों में किसान सड़कों और रेल की पटरी पर बैठे हुए हैं. यहां कई जगह ट्रेन सर्विस रोक दी गई है.

बीते दिन भी अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था. किसानों के आंदोलन को कई राजनीतिक दल और भी बढ़ावा देने में लगे हुए हैं.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कल किसानों के बीच पंजाब पहुंच रहे हैं. पंजाब से दिल्ली तक ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी, जिसमें राहुल गांधी, कैप्टन अमरिंदर के साथ शामिल होंगे.

गांधी जयंती पर सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
गांधी जयंती के मौके पर देशभर में आज किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वीडियो संदेश जारी कर किसानों की मांग को सही ठहराया है और मोदी सरकार पर निशाना साधा है. ‘सोनिया ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार किसानों को खून के आंसू रुला रही है’.

सोनिया ने पूछा कि किसानों की रक्षा कौन करेगा, क्या सरकार ने इस बारे में सोचा है? सोनिया गांधी ने अपने वीडियो संदेश में कहा, आज किसानों, मजदूरों के सबसे बड़े हमदर्द महात्मा गांधी की जयंती है, गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्मा भारत के गांव, खेत और खलिहान में बसती है.

आज ‘जय-जवान, जय किसान’ का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि लेकिन आज देश के किसान और खेत मजदूर कृषि विरोधी तीन काले कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं.

अपना खून-पसीना देकर अनाज उगाने वाले अन्नदाता किसान को मोदी सरकार ने आज सड़क पर ला दिया है. ‘नेताओं की जो आज के परिवेश में राजनीति करने का स्टाइल है उससे तो लगता है कि गांधी के विचार और उनके आदर्श समाज की कल्पना फिट नहीं बैठती है’.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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