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अंतरराष्ट्रीय युवा डे: राष्ट्र निर्माण और जनचेतना के लिए युवाओं के सपनों पर न लगाएं ब्रेक, आओ जोश जगाएं

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नई सोच नई उमंग, चेतना, जोश और शक्ति के साथ आंखों में सपने लेकर आगे बढ़ने का नाम ही युवा है. अन्याय को चुनौती देने का साहस, समाज व राष्ट्र में उसके पास परिवर्तन लाने की शक्ति भी है . उसकी पहचान बेचैनी, छटपटाहट, गुस्सा, आक्रोश और सृजनात्मकता से है. यही साहसी तथा निडर स्वभाव उसे हमेशा व्यवस्था से टकराने और परिवर्तन लाने को प्रेरित करता है. ‘दिल्ली में 16 दिसंबर, साल 2012 में हुए निर्भया कांड को लेकर पूरे देश में युवाओं का गुस्सा भी देखा था.

युवाओं की एकजुटता के आगे अदालतों से लेकर सरकारों को भी नया कानून बनाना पड़ा था’. बात करेंगे ‘यूथ’ यानी युवाओं को लेकर. 12 अगस्त को हर साल अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस (इंटरनेशनल यूथ डे) मनाया जाता है. आज अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस को लेकर चर्चा करने से पहले यह भी जान लेते हैं. साल 2020 से कोरोना संकटकाल ने युवाओं के आगे बढ़ते कदमों पर भी ‘ब्रेक’ लगा दिया है.

चाहे रोजगार हो या निजी व्यवसाय सभी पर महामारी ने अपना प्रभाव डाला है. जिससे नई जेनरेशन के सपने भी ‘धुंधले’ हो चले हैं. आज के युवाओं में हताशा के साथ निराशा भी घेर रही है. यह भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों के यूथ वर्ग में बेचैनी देखी जा सकती है.

इस बीच काफी समय बाद पिछले दिनों टोक्यो में हुए ओलंपिक महाकुंभ में एक युवा खिलाड़ी ने देश के युवाओं में नया ‘जोश’ जगा दिया है. हम बात कर रहे हैं ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा की . कोविड-19 के दौरान चिंता ग्रस्त हुए यूथ वर्ग में नीरज ने एक ‘राह’ दिखा दी है. लाखों-करोड़ों युवा नीरज चोपड़ा के खेल और व्यक्तित्व (पर्सनालिटी) से प्रभावित हुए हैं.

छात्र राजनीति से लेकर खेल के मैदान युवाओं की हमेशा से बड़ी भूमिका रही है. बता दें कि विश्व में भारत सबसे ज्यादा युवा अबादी वाला देश भी है. अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीति के मुद्दों पर युवाओं की भागीदारी और उनकी भूमिका पर चर्चा करना है. हर साल इस दिन संयुक्त राष्ट्र एक ‘थीम’ का चयन करता है.

इसी थीम के इर्द गिर्द दुनिया भर में युवाओं के लिए और युवाओं के द्वारा कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. आम तौर पर इन कार्यक्रमों में परेड, म्यूजिक कॉन्सर्ट, प्रदर्शनी का आयोजन होता है. इसके अलावा विभिन्न संचार माध्यमों से दुनिया भर में युवाओं के साथ संवाद किया जाता है. इस साल अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस थीम, ‘ट्रांसफॉर्मिंग फूड सिस्टम्स यूथ इनोवेशन फार ह्यूमन एंड प्लैनेटरी हेल्थ है’, जिसका उद्देश्य इस बात पर प्रकाश डालना है कि इस तरह के वैश्विक प्रयास की सफलता युवा लोगों की सार्थक भागीदारी के बिना हासिल नहीं की जाएगी.

इसके माध्यम से हम स्वीकार करते हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए समावेशी समर्थन तंत्र की आवश्यकता है कि युवा भाग लेते रहें और विश्‍व को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से स्वयंसेवा करें. मालूम हो कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 दिसंबर 1999 को यह फैसला लिया गया कि 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाएगा. यह फैसला युवाओं के लिए जिम्मेदार मंत्रियों के विश्व सम्मेलन द्वारा 1998 में दिए गए सुझाव के बाद लिया गया.

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन पहली बार साल 2000 में किया गया था. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1985 में अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया था. वहीं अगर ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ की बात करें तो देश में स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर 12 जनवरी, 2020 को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता हैं. इस दिन को मनाने का निर्णय भारत सरकार ने 1984 में लिया था. आज अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर आइए यूथ वर्ग में नई चेतना जगाएं.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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