अच्छी सेहत के लिए अगर आपने अभी तक योग करने की आदत नहीं डाली है तो आज आपके लिए बहुत ही अच्छा मौका है संकल्प लेने का. यह संकल्प सीधे ही आपके स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है. मौजूदा समय में कोरोना महामारी ने हमारे शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत गहरा प्रभाव डाला है.
सेहत से खिलवाड़ मत करिए, जागरूक बनिए. सबसे बड़ा धन मनुष्य का स्वस्थ शरीर ही होता है. यानी ‘हेल्थ इज वेल्थ’. योग हमारे शरीर की ‘प्रतिरोधक क्षमता’ भी बढ़ाता है.
आज 21 जून है . यह तारीख आपको सचेत भी करती है कि आप स्वास्थ्य के प्रति कितने गंभीर हो. अब बात करते हैं ‘विश्व योग दिवस’ की. आज दुनिया में सातवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. बता दें कि भारत की पहल से योग दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे मंजूरी देते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाने की आधिकारिक घोषणा की थी. पहली बार योग दिवस साल 2015 में शुरुआत हुई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग दिवस मनाने की घोषणा के बाद राजपथ पर पीएम मोदी की अगुवाई में 35 हजार लोगों की उपस्थिति में योग दिवस मनाया गया था. उसके बाद पीएम मोदी हर साल 2019 तक देश के कई शहरों में जाकर लोगों के बीच योगासन करते रहे हैं . लेकिन साल 2020 और इस बार वे महामारी की वजह से योग दिवस पर लोगों के बीच सीधे तौर पर मौजूद नहीं हो सके. योग दिवस ऐसे समय में आया है, जब विश्व कोविड-19 से लड़ रहा है लेकिन महामारी ने योग को लेकर उत्साह को कम नहीं किया है . इस बार योग दिवस का थीम ‘तंदुरुस्ती के लिए योग’ है .
आज अंतरष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से ही वर्चुअल माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र कहा कि आज जब पूरा विश्व कोरोना का मुकाबला कर रहा है, तो योग उम्मीद की किरण बना हुआ है. दो साल से विश्व के बड़े देशों में भले ही कोई बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हुआ हो, लेकिन योग के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि ‘हमारे ऋषि मुनियों ने कहा था कि सुख-दुख में समान भाव रखें. उन्होंने संयम को योग का पैरामीटर बनाया था. आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है, तो योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है.
आज वैश्विक महामारी ने इसे साबित कर दिखाया है’. भारत समेत कितने ही देशों ने महामारी के बड़े संकट का सामना किया है. ‘पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के बड़े देशों के लिए योग दिवस उनका सांस्कृतिक पर्व नहीं है, फिर भी वे सब इसका अनुसरण कर रहे हैं. इस मुश्किल समय में योग के प्रति लोगों का लगाव बढ़ा है. योग हमारे लिए सुरक्षा कवच का काम कर रहा है’.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार