ईस्टर डे ईसाइयों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. मान्यता है कि इस दिन प्रभु मसीह मृत्यु के तीन बाद इसी दिन जीवित हो उठे थे इसलिए यह दिन बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस बार यह 4 अप्रैल रविवार की यानी कि आज है.
कैसे शुरू हुआ ईस्टर?
ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, हजारों साल पहले गुड फ्राइडे के दिन ईसाह मसीह को यरुशलम की पहाड़ियों पर सूली पर चढ़ाया गया था. इसके बाद गुड फ्राइड के तीसरे दिन यानी पहले संडे को ईसाह मसीह दोबारा जीवित हो गए थे.
पुनर्जन्म के बाद ईसा मसीह करीब 40 दिन तक अपने शिष्यों के साथ रहे थे. इसके बाद वे हमेशा के लिए स्वर्ग चले गए. इसलिए ईस्टर का जश्न पूरे 40 दिन तक मनाया जाता है. लेकिन आधिकारिक तौर पर ईस्टर पर्व 50 दिनों तक चलता है. इस पर्व को ईसाई धर्म के लोग बड़ी धूम-धाम और उत्साह से मनाते हैं.
ईस्टर पर अंडे का महत्व
ईस्टर पर्व पर अंडे का खास महत्व होता है. इसाई धर्म के लोग इस्टर पर्व पर अंडे सजाकर एक दूसरे को गिफ्ट करते हैं. उनकी मान्यता है कि अंडे अच्छे दिनों की शुरुआत और नए जीवन का संदेश देते हैं. दरअसल, इसाई धर्म के लोगों का मानना है कि अंडे में से जिस तरह एक नया जीवन उत्पन्न होता है,वह लोगों को नई शुरुआत का संदेश देता है.
तो आइए जानते हैं इस दिन के बारें में कुछ ओर बातें…
–ईस्टर संडे के दिन ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में इकट्ठा होते हैं और प्रभु मसीह की स्तुति करते हैं.
–इस अवसर पर चर्च के धर्माध्यक्ष ईस्टर पर्व की विशेष पूजा करके चर्च में मोमबत्तियां जलाते हैं.
–इस दिन बाइबल पाठ किया जाता है तथा प्रभु यीशु के उपदेशों से भक्तगणों को अवगत कराया जाता है तथा सभी लोग एक-दूसरे को प्रभु यीशु के पुनर्जन्म की बधाइयां देते हैं.
–ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में प्रभु भोज में भाग लेते हैं और एक-दूसरे को प्रभु यीशु के नाम पर शुभकामनाएं देते हैं.
–चर्च के फादर ईसाई समाज के लोगों के घरों में जाकर प्रभु यीशु के पवित्र जल से छिड़काव करके परिवार और समाज में सुख-शांति की कामना भी करते है.