आखिरकार आ गई खरीदारी करने के लिए सबसे बड़ी ‘शुभ घड़ी’. इसके साथ यह दिन धन वर्षा के लिए भी जाना जाता है. आज के दिन जैसे बाजार भी बोलता है और कहता है, सोना ले लो, चांदी ले लो, बर्तन ले लो, बाजार में जो कुछ नजर आए जरूर ले लो.
अगर यह सब चीजें समझ में नहीं आई है तो कोई दोपहिया और चार पहिया गाड़ी ही घर ले आओ. बाजार गए हो तो खाली हाथ मत आओ, कुछ न कुछ जरूर खरीदना. खरीदारी करने के लिए कई दिनों से लोगों ने पूरी ‘प्लानिंग’ कर रखी है.
यही एक ऐसा पर्व है जिसे पूरे साल भर में सबसे अधिक खरीदारी के लिए जाना जाता है. इस दिन बाजारों में धन की वर्षा होती है. खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है. आज धनतेरस है. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस पर्व मनाया जाता है. इसके लिए विशेष रूप से बर्तन और ज्वेलरी बाजार पूरी तरह सज चुका है.
व्यवसायियों ने अपनी-अपनी दुकानों को रंग-बिरंगे गुब्बारे और रंगीन लाइटें लगाकर आकर्षक रूप से सजाया है. जिसकी वजह से रौनक दिखाई पड़ रहा है. कोरोना महामारी में व्यापारियों और दुकानदारों को उम्मीद है कि काफी समय बाद अच्छी बिक्री होगी. बता दें कि धनतेरस का दिन खरीदारी है. इस मौके पर देश के छोटे से लेकर बड़े शहरों तक बाजार खूब जगमग हो रहे हैं.
इस बार धनतेरस पर खरीदारी करने के लिए बन रहा है शुभ योग
इस दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से घर में समृद्धि आती है. धार्मिक-सामाजिक दृष्टि से इस दिन खरीदारी करने वाला दिन बताया गया है, क्योंकि इसी दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर सागर से प्रकट हुए थे. बता दें कि धनतेरस पर भगवान कुबेर और आयुर्वेद के प्रणेता भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ बर्तन आदि खरीदने का खास महत्व है.
धनतेरस के दिन विशेष रूप से वाहन, घर, सोना, चांदी, बर्तन, कपड़े, धनिया, झाड़ू खरीदने का महत्व है. मान्यता है कि इस दिन इन वस्तुओं की खरीदारी करने से धन में समृद्धि होती है. कहा जाता है कि धनतेरस पर काले रंग की वस्तुएं, कांच, एल्युमीनियम और लोहे से बनी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए.
धनतेरस वाले दिन वैसे तो सुबह से ही बाजारों में भीड़ उमड़ना शुरू हो जाती है. इस बार खरीदारी के लिए तीन ग्रहों की युति के अलावा त्रिपुष्कर योग बन रहा है. इस योग में खरीदारी से तीन गुना अधिक शुभ फल प्राप्त होगा.
धनतेरस के दिन ही दीपावली पर्व की शुरुआत होती है
बता दें कि धनतेरस की शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाए जाते हैं. क्योंकि इस दिन से दीपावली के त्योहार की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस पर शाम के समय एक दीपक यम देवता के नाम पर भी जलाया जाता है. मान्यता है ऐसा करने से यमदेव प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से सुरक्षा करते हैं.
धनतेरस पूजा के समय भगवान सूर्य, भगवान गणेश, माता दुर्गा, भगवान शिव, भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, कुबेर देव और भगवान धन्वंतरि जी की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद भगवान धनवंतरि की षोडशोपचार पूजा करें.
धनतेरस का पर्व 2 नवंबर आज प्रदोष काल शाम 5 बजकर 37 मिनट से रात 8 बजकर 11 मिनट तक का है. वहीं वृषभ काल शाम 6.18 मिनट से रात 8.14 मिनट तक रहेगा. धनतेरस पर पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6.18 मिनट से रात 8.14 मिनट तक रहेगा.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार