देश के सबसे बड़े और दर्दनाक अग्निकांड की आज 26 वीं बरसी है. 26 साल पहले आज ही के दिन 23 दिसंबर 1995 को हुआ ये हादसा कुछ ही पल में कई परिवारों को जिंदगीभर का दर्द दे गया था. यह घटना आज भी हरियाणा के लोगों को झकझोर देती है.
हम बात कर रहें हैं हरियाणा के सिरसा जिले के डबवाली में हुए अग्निकांड की. डबवाली के डीएवी स्कूल के कार्यक्रम में लगी आग में स्कूली विद्यार्थियों समेत 442 लोगों की मौत हो गई थी और 150 लोग घायल हो गए थे.
इस अग्निकांड ने लोगों को इतना दर्द दिया था कि शवों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट भी छोटे पड़ गए थे और खेतों में चिताएं जलानी पड़ी थी. इसमें तत्कालीन डीएसपी अनिल राव की बेटी की भी जान चली गई थी. इतिहासकार इसे विश्व की सबसे बड़ी अग्नि त्रासदी मानते हैं.
कैसे हुआ था यह भयानक हादसा डबवाली में चौटाला रोड स्थित राजीव पैलेस में डीएवी स्कूल का 7वां वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा था. इस कार्यक्रम में करीब 1500 लोग मौजूद थे. लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मेन गेट पर ताला लगा दिया गया था. इसी दौरान पंडाल के गेट पर शॉट सर्किट हो गया और कुछ ही पल में आग फैल गई.
पंडाल के पास ही गैस सिलेंडर रखा हुआ था जिसने भी आग पकड़ ली. इसके बाद बिजली की तारों में भी आग लग गई और पास रखे जनरेटर में भी डीजल होने के कारण आग और भड़क गई. पंडाल के ऊपर तिरपाल की छत डाली गई थी. तिरपाल में आग लगने से वह लोगों पर जा गिरी. लोगों को वहां से भागने का मौका नहीं मिला और देखते ही देखते लाशों के ढेर लग गए थे.
442 लोगों में 173 बच्चे थे शामिल इस अग्निकांड में कुल सात मिनट में 442 लोगों की मौत हो गई थी और 150 लोग घायल थे. म़ृतकों में 136 महिलाएं भी शामिल थी. यह आग 23 दिसंबर 1995 को दोपहर एक बजकर 40 मिनट पर शुरू हुई थी और सात ही मिनट में इतने लोगों की जान लेकर 1 बजकर 47 मिनट पर बंद हुई थी. इसमें सबसे अधिक 10 साल तक के 173 बच्चे मौत का ग्रास बने थे. कई परिवार तो पूरे के पूरे इस अग्निकांड में खत्म हो गए थे.
डबवाली अग्निकांड कितना भयानक था इसका अनुमान इस बात से भी लगा सकते हैं कि देश में सबसे ज्यादा चर्चित उपहार सिनेमा में लगी आग में 59 लोगों की जान चली गई थी. उपरोक्त जगह पर आज अग्निकांड स्मारक है. सीबीआई कोर्ट ने सुनाई थी सजा इस अग्निकांड के लिए बिजली निगम, नगरपरिषद, पैलेस मालिक तथा दो निजी बिजली कर्मचारियों समेत कुल 14 लोगों को कोर्ट ने दोषी माना था. तब अंबाला स्थित सीबीआई कोर्ट ने इन लोगों को दो-दो साल की सजा सुनाई थी. पर बाद में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इन लोगों को बरी कर दिया था.