आज बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेत्री की बात करेंगे जिसने बहुत ही कम समय में बड़ी सफलता हासिल कर ली थी. अपने 3 साल के फिल्मी करियर में उन्होंने कई फिल्में सुपरहिट दीं, जिसे दर्शक आज भी नहीं भूल पाए हैं. हम बात कर रहे हैं 90 के दशक की. फिल्म इंडस्ट्रीज में इस अभिनेत्री ने अभिनय के बल पर सभी को पीछे छोड़ दिया था. आज दिव्या भारती का जन्मदिन है, आइए जानते हैं उनके फिल्मी सफर के बारे में.
हालांकि उनकी फिल्मी पारी बहुत छोटी रही लेकिन उन्होंने सफलता के बड़े आयाम हासिल किए. दिव्या भारती का जन्म 25 फरवरी 1974 को मुंबई में हुआ था. दिव्या का मन पढ़ाई में नहीं लगता था. वो तो बस दिनभर शरारतें करना चाहती थी और किसी भी तरह पढ़ाई से दूर भागने के बहाने ढूंढती रहती थी.
इसीलिए जब 15 साल की उम्र में फिल्म का ऑफर आया तो दिव्या को पढ़ाई छोड़ने का अच्छा बहाना मिल गया. 1990 में रिलीज हुई उनकी पहली तेलुगु फिल्म ‘बॉब्बिली राजा’ से दिव्या को कायमाबी मिल गई. इसके बाद दिव्या के लिए साल 1992 बहुत ही भाग्यशाली रहा.
इस साल दिव्या भारती की 10 फिल्में रिलीज हुई. ‘दीवाना’, दिल का क्या कसूर’, ‘शोला और शबनम’, ‘बलवान’ और ‘जान से प्यारा’ ‘दिल आशना है’ रिलीज हुई थी. इस सफलता के बाद फिल्म इंडस्ट्रीज में दिव्या भारती निर्माता-निर्देशकों की चहेती अभिनेत्री बन गईं.
वर्ष 1993 में दिव्या भारती की रहस्यमय तरीके से हो गई थी मौत
बता दें कि दिव्या की लोकप्रियता उस वक्त इतनी बढ़ गई थी कि फिल्ममेकर्स एक्ट्रेस के पास डेट्स न होने पर भी उन्हें एडवांस में साइन कर रहे थे. दिव्या कामयाबी की ओर बढ़ती जा रही थीं. 1992 और 1993 के बीच 14 से अधिक हिंदी फिल्मों में अभिनय किया, जो हिंदी सिनेमा में एक रिकॉर्ड है.
अभिनेत्री दिव्या भारती का फिल्मी करियर जब पीक पर था तब उन्होंने एक गलती कर दी. दिव्या भारती ने डायरेक्टर साजिद नाडियाडवाला के साथ 10 मई 1992 को गुपचुप तरीके से शादी कर ली. दिव्या भारती के परिवार वाले उनकी इस शादी के खिलाफ थे, लेकिन उन्होंने अपने परिवार को बिना बताए यह फैसला किया था.
5 अप्रैल 1993 की रात को दिव्या भारती की आखिरी रात साबित हुई. दिव्या की मौत उसी रात मुंबई के वर्सोवा इलाके में एक पांच मंजिला इमारत से नीचे गिरने की वजह से हुई. कुछ लोगों ने माना कि यह आत्महत्या थी. मौत के बाद उनकी उन सभी फिल्मों को उनके जैसी दिखने वाली किसी अभिनेत्री के साथ शूट किया गया, हालांकि अब तक उनकी मौत की वजह एक रहस्य ही है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार