बॉलीवुड के लिए यह साल किसी बुरे सपने की तरह रहा है. कई दिग्गज एक्टर्स ने पिछले नौ महीनों में दुनिया को अलविदा कह दिया. ऐसे ही एक दिग्गज एक्टर ऋषि कपूर भी थे. उनका कैंसर से जूझने के बाद 30 अप्रैल के मुंबई में निधन हो गया था.
ऋषि कपूर का आज 68वां जन्मदिन है. उनका जन्म 4 सितंबर 1952 को जाने-माने निर्देशक और एक्टर राजकपूर के घर हुआ था. उन्होंने बतौर चाइल्ट आर्टिस्ट अपने करियर का आगाज किया और फिर धीरे-धीरे कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते चले गए.
ऋषि कपू साल 1973 में पहली बार ‘बॉबी’ फिल्म में लीड रोल में नजर आए. यहां से शुरू हुआ उनका सफर पांच दशक से भी लंबा रहा. उनहोंने प्रेम रोग, चांदनी, दामिनी, मुल्क और 102 नॉटऑउट जैसी कई शानादर फिल्मों में काम किया.
उनकी आखिरी फिल्म ‘द बॉडी’ थी, जो पिछले साल रिलीज हुई. ऋषि कपूर जन्मदिन के मौके पर आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े पांच दिलचस्प फैक्ट. वहीं, करियर उन्हें एक बात का बड़ा अफसोस भी रहा था.
- ऋषि कपूर महज तीन साल की उम्र में पहली बार स्क्रीन पर नजर आए थे. वह साल 1955 में रिलीज हुई ‘श्री 420’ फिल्म के एक गाने ‘प्यार हुआ, इकरार हुआ है’ में कुछ देर के लिए दिखे थे. फिल्म में राज कपूर और नरगिस ने लीड रोल में थे.
- एक इंटरव्यू में ऋषि कपूर ने खुलासा किया था कि कई लोगों को लगता है कि ‘बॉबी’ राज कपूर ने उन्हें लॉन्च करने के लिए बनाई थी, लेकिन ऐसा था नहीं. दरअसल ‘बॉबी’ को मेरा नाम जोकर’ फिल्म के ऋण का भुगतान करने के लिए बनाया गया था.
- ऋषि कपूर ने साल 1973 में अपने करियर की शुरुआत के बाद से साल 2000 तक 92 फिल्मों में एक रोमांटिक हीरो का रोल निभाया. इसके बाद उन्होंने कैरेक्टर और सपोर्टिंग रोल्स करना शुरू कर दिया था.
- ऋषि कपूर ने साल 1980 में एक्ट्रेस नीतू कपूर से शादी की थी. शादी के दिन ऋषि और नीतू दोनों बेहोश हो गए थे. नीतू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शादी में बहुत ज्यादा लोग आए थे. भीड़ से घिरे होने की वजह से ऋषि कपूर घोड़ी चढ़ने से पहले बेहोश हो गए थे जबकि वह भारी लहंगा संभालते वक्त बेहोश हो गईं.
- ऋषि कपूर ने डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया था. उन्होंने साल 1999 में ‘आ अब लौट चलें’ फिल्म से डायरेक्शन में अपनी किस्मत आजमाई. फिल्म में ऐश्वर्या राय और अक्षय खन्ना लीड रोल में थे. हालांकि, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी.
ऋषि कपूर ने अपने करियर में तमाम सफलताएं हासिल की, मगर उन्हें एक बात का बड़ा अफसोस रहा. ऋषि कभी करियर में मशहूर गीतकार, निर्देशक और लेखक गुलजार के साथ काम नहीं कर पाए. उन्होंने अपने इस अफसोस के बारे में आत्मकथा ‘खुल्लम खुल्ला’ में भी बताया था.
ऋषि ने गुलजार का जिक्र करते हुए लिखा था कि यह मुझे हैरान करता है कि मैं कभी भी उस शख्स से नहीं मिला जो पाली हिल में मेरा पड़ोसी है.
ऋषि के अनुसार, उससे भी ज्यादा अफसोस की बात यह है कि गुलजार ने उनकी किसी भी फिल्म का एक गाना, एक डायलॉग यहां तक कि सिंगल लाइन भी नहीं लिखी.