हाथरस| यूपी के हाथरस मैं दलित युवती के साथ कथित तौर पर हुए गैंगरेप और उसके बाद हुई पीड़िता की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इसे लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने हाथरस जाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें एक्सप्रेस वे पर ही रोक दिया गया. हाथरस में तनाव को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है औऱ पीड़िता का गांव छावनी में तब्दील हो चुकी है.
नेताओं के दौरे को देखते हुए पूरे हाथरस में धारा 144 लागू कर दी गई है. इसी बीच पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे तृणमूल के कुछ सांसदों को यूपी पुलिस द्वारा रोक दिया गया. पार्टी ने बताया है कि ये सांसद अलग-अलग यात्रा कर रहे थे.
तृणमूल सांसदों का यह समूह 200 किमी दूर दिल्ली से आया था. इनमें डेरेक ओ’ब्रायन, काकोली घोष दस्तीदार, प्रतिमा मोंडल और (पूर्व सांसद) ममता ठाकुर हैं.
रोके गए सांसदों में से एक सांसद ने कहा, ‘हम शांति से हाथरस की ओर बढ़ रहे हैं पीड़ित परिवार से मिलकर अपनी सांत्वना देने जा रहे हैं.
हम अलग-अलग यात्रा कर रहे हैं और सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. हमने कोई हथियार नहीं लिए हैं. हमें रोका क्यों गया है?’
हाथरस जाने से पुलिस के रोके जाने और धक्का-मुक्की के बाद टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन की अगुवाई में बाकी सांसद धरने पर बैठ गए हैं. इस बीच पुलिस ने गांव के बाहर पहरे को और सख्त कर दिया है. पीड़िता के गांव में विपक्ष के नेताओं समेत मीडिया के लिए भी नो एंट्री है.
पुलिस ने हाथरस गैंगरेप पीड़ित के गांव को पुलिस ने छावनी बना रखा है. जिले में धारा-144 लगाने के साथ ही पीड़ित के गांव में नाकेबंदी है.
गांव के लोगों को भी आईडी दिखाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है. प्रशासन के इस रवैये से लोग नाराज हैं. उनका कहना है कि हमारे ही गांव में हमसे अपराधी जैसा सलूक हो रहा है.
तृणमूल की नेता ममता ठाकुर ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज खींचे और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया, वे नीचे गिर गईं. फीमेल पुलिस के होते हुए मेल पुलिस ने हमारी सांसद को छूआ. यह शर्म की बात है.