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ममता बनर्जी ने सांसद महुआ मोइत्रा को लगाई फटकार, जानिए इसके पीछे दीदी की कहानी

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ममता बनर्जी और सांसद महुआ मोइत्रा

इन दिनों तृणमूल कांग्रेस में हलचल मची है. वजह है पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी का एक वायरल वीडियो. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक मीटिंग के दौरान उन्होंने सांसद महुआ मोइत्रा को फटकार लगा दी.

ये रिव्यू मीटिंग गुरुवार को नादिया ज़िले के कृष्णानगर में बुलाई गई थी. इस प्रकरण ने महुआ के अपने घरेलू क्षेत्र में पार्टी के भीतर लंबे समय से चल रहे मतभेद और अंदरूनी कलह को उजागर कर दिया है. इस वीडियो से ये साफ संकेत मिल रहा है कि ममता ने महुआ को नादिया जिले की राजनीति से दूर रहने की चेतावनी दे डाली है.

बता दें कि नादिया में निकाय चुनाव होने हैं. लेकिन टीएमसी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. लिहाजा कार्यकर्ताओं के बीच तनाव कम करने को लेकर ममता ने समीक्षा बैठक के दौरान कृष्णानगर से सांसद महुआ की खिंचाई कर डाली.

ममता ने कहा कि टिकट का बंटवारा पार्टी द्वारा तय किया जाएगा. झगड़े को शांत करने के लिए ममता ने सार्वजनिक रूप से उन्हें गुटबाजी में शामिल न होने की चेतावनी दी और उन्हें जिले की राजनीति में सभी को साथ लेकर काम करने की सलाह दे डाली.

दरअसल ममता बनर्जी जिस बात को लेकर महुआ मोइत्रा को फटकार लगा रही है, वो घटना पिछले महीने की है. कुछ महिला प्रदर्शनकारियों ने कृष्णानगर डाकघर मोड़ पर जमकर हंगामा किया था. इन सबने ‘बांग्ला अबास योजना’ योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.

उन्होंने इस संबंध में जयंत साहा और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच की भी मांग की थी. हंगामे का ये वीडियो भी वायरल हो गया था. साथ ही वीडियो ने स्थानीय मीडिया में सुर्खियां बटोरी थीं. कहा जा रहा था कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे थे, वो महुआ के समर्थक थे.

एकअंग्रेजी अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि ममता नादिया जिले में चल रही अंदरूनी कलह को लेकर ‘बहुत चिंतित’ हैं. इस साल की शुरुआत में राज्य विधानसभा चुनावों में, जब महुआ नादिया में पार्टी अध्यक्ष थीं, सीमावर्ती जिला उन कुछ क्षेत्रों में से था, जहां भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था. जिसमें टीएमसी कुल 17 में से 9 सीटों पर हार गई थी. इसके बाद, हालांकि, कृष्णानगर उत्तर भाजपा विधायक मुकुल रॉय टीएमसी में शामिल हो गए, जबकि बाद में अक्टूबर में उपचुनावों में शांतिपुर सीट से टीएमसी को जीत मिल गई.

टीएमसी की आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया था कि पार्टी नादिया जिले में अंदरूनी कलह की वजह से इतनी सीटें हार गई थी. बाद में महुआ को उनके पद से हटा दिया गया. पार्टी ने जिला संगठन पद को विभाजित कर दिया. रत्ना घोष को राणाघाट अध्यक्ष नियुक्त किया गया और जयंत साहा को कृष्णानगर का अध्यक्ष बनाया गया.

महुआ और जयंत गुटों के बीच जिले और कृष्णानगर नगर पालिका को नियंत्रित करने के लिए खींचतान तेज हो गई है. जयंत ने नगर पालिका के अध्यक्ष असीम साहा को हटा दिया और अब अपने ही आदमी नरेश दास को इसका प्रशासक नियुक्त कर दिया है. इस बीच महुआ को विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी प्रभारी के तौर पर गोवा भेजा गया था.

टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘महुआ के जिलाध्यक्ष बनने के बाद, वो अकेले ही संगठन को नियंत्रित करना चाहती थीं और इस तरह सभी वरिष्ठ नेता वहां फंस गए. अंदरूनी कलह तेज हो गई जिससे जिले की 9 सीटों का नुकसान हुआ. अब पार्टी नेतृत्व महुआ को जिले की राजनीति में घेरना चाहता है और इस वजह से मुख्यमंत्री ने उन्हें ये संदेश दिया.’

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