उत्तराखंड में रविवार से शुरू हुई मूसलाधार बारिश के चलते मौतों के आंकड़े में इज़ाफा दर्ज किया गया. ताज़ा अपडेट के अनुसार रेस्क्यू टीमों द्वारा 2 और शव बरामद करने के बाद आपदाओं और दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 54 पहुंच गई, जिसमें से नैनीताल में 28 मौतें दर्ज हुईं.
नैनीताल के रामगढ़ में अब भी 5 लोग लापता बताए जा रहे हैं. इधर, गृह मंत्री अमित शाह बुधवार देर रात उत्तराखंड पहुंचे और आज गुरुवार को वह आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने जाएंगे. वहीं धीरे धीरे हालात उत्तराखंड में सुधरते हुए बताए जा रहे हैं और चार धाम यात्रा सुचारू हुई है, लेकिन बद्रीनाथ हाईव फिलहा ब्लॉक है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देहरादून एयरपोर्ट पर बुधवार रात पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत अन्य नेताओं ने उनकी अगवानी की. उत्तराखंड में आपदा का जायज़ा लेने के लिए पहुंचे अमित शाह ने नेताओं व अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की और गुरुवार को वह खास तौर से कुमाऊं के सर्वाधिक प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करने जाएंगे.
आज दिन में शाह रिव्यू मीटिंग करेंगे और उसके बाद भाजपा संगठन से भी मुलाकात करेंगे. इधर, सबसे ज़्यादा नुकसान नैनीताल ज़िले में होना बताया जा रहा है.
राज्य के साथ नैनीताल को जोड़ने वाली तीन में से दो प्रमुख सड़कें कालाढूंगी-नैनीताल और भीमताल होते हुए भवाली और काठगोदाम वाली सड़क फिर से शुरू होने की खबरें हैं. नैनीताल-हल्द्वानी रोड सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होती है, लेकिन यह अब भी बंद है और उम्मीद जताई जा रही है कि यह भी जल्द शुरू हो सकती है. भारी बारिश के दौर से पहले रोज़ाना नैनीताल में करीब 15,000 पर्यटक आ रहे थे लेकिन अब नए पर्यटकों की संख्या शून्य है.
बादल फटने की घटना से प्रभावित रामगढ़ इलाके के दौरे पर मुख्यमंत्री धामी पहुंचे. उनके साथ केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट भी मौजूद थे. यहां पीड़ितों से मुलाकात के बाद धामी ने कहा कि सबसे बड़ी प्राथमिकता बंद रास्तों को खुलवाना ही है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आपदा में मारे गए लोगों के पोस्टमार्टम करवाए जाने की बात भी धामी ने कही.