शनिवार को सीएम रावत ने मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उत्तराखण्ड के सामाजिक उद्यमियों से संवाद करते हुए कहा कि हमें स्थानीय संसाधनों को आधार मानकर आगे बढ़ेंगे, तो आत्मनिर्भर बनने में सुविधा होगी.
प्रकृति ने देवभूमि उत्तराखण्ड को बहुत कुछ दिया है. अनेक प्रकार की जैव विविधताएं उत्तराखण्ड में हैं. हिमालयी एवं तराई क्षेत्र के साथ ही राज्य के सम्यक विकास के लिए अनेक संपदाएं उत्तराखण्ड के पास हैं.
स्वरोजगार की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक कार्य किये जा रहे हैं. इस दिशा में सोचने की जरूरत है कि हम अपने साथ कितने और लोगों को रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं.
सीएम ने कहा कि इन्वेस्टर समिट के दौरान राज्य में 01 लाख 25 हजार करोङ रूपये के एमओयू हुए, जिसमें से 25 हजार करोड़ रूपये के कार्यों की ग्राउंडिंग हो चुकी है.
राज्य बनने से औद्योगिक क्षेत्र में 2017 तक राज्य में 40 हजार करोड़ रूपये का इन्वेस्टमेंट हुआ, जबकि पिछले साढ़े तीन सालों में 25 हजार करोड़ रूपये का इन्वेस्टमेंट हो चुका है. राज्य में चीड़ की पत्तियों से बिजली एवं चारकोल बनाने के कार्य शुरू किये गये हैं.
उत्तराखण्ड के वन क्षेत्र में 27 प्रतिशत क्षेत्र में चीड़ होता है. चीड़ की पत्तियों से वनाग्नि की समस्याएं भी बहुत रहती थी. चीड़ के सदुपयोग एवं स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ाने में यह पॉलिसी काफी कारगर होगी. इससे 40 हजार लोगों को रोजगार दिया जा सकता है और पर्यावरणीय लाभ भी होंगे.
लीसे से अनेक किस्म के आईटम बनते है. ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए हर न्याय पंचायत में रूरल ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं. अभी तक 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति दी जा चुकी है. अलग-अलग थीम पर ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं.
सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को हिमालयी ब्रांड से पहचान दिलाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं. आर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
उत्तराखण्ड में टूरिज्म के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं. इस दिशा में सरकार अनेक कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि सीएम स्वरोजगार योजना के तहत 150 तरह के कार्य किये जा सकते हैं. राज्य में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना शुरू की गई है.
इसके तहत 10 हजार युवाओं एवं उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जायेंगी. यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वरोजगार के लिए काफी कारगर साबित होगी. होम स्टे को राज्य में बढ़ावा दिया जा रहा है. अभी तक 2200 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं.
सीएम ने इस अवसर सामाजिक उद्यमिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभिन्न लोगों से बात की. उन्होंने मशरूम उत्पादन में कार्य करने और इसके लिए अन्य लोगों को प्रशिक्षित कर रही दिव्या रावत, हेल्थ एवं पर्सनल केयर प्रोडक्ट में कार्य करने के साथ ही अन्य लोगों को इससे जोड़ने वाले हर्षपाल चौधरी, ईको टूरिज्म एवं स्थानीय संस्कृति के क्षेत्र में कार्य कर नुपुर अग्रवाल, होम स्टे चला रही निवेदिता कार्की, आर्टिफिशल इन्टेलीजेंसी के क्षेत्र में कार्य कर रही सुरी प्रेक्षा कपरवाण, एडवेंचर और टूरिज्म के क्षेत्र में कार्य कर रहे विक्रम सिंह पंवार एवं मशरूम उत्पादन का कार्य कर रही प्रीति भंडारी से वार्ता की.
प्रीति भंडारी ने कहा कि उन्होंने 500 रूपये से मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया था और आज वे 40 हजार रूपये तक प्रतिमाह कमा लेती हैं.