बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों में से तीन ने जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दोषियों के वकील द्वारा तत्काल सुनवाई के लिए उनकी याचिका का उल्लेख करने के बाद सुप्रीम कोर्ट उनकी याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुआ क्योंकि आत्मसमर्पण करने का समय 21 जनवरी को समाप्त हो रहा है.
आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने बिलकिस बाने गैंगरेप और उसके परिजनों की हत्या के केस में 8 जनवरी को फैसला देते हुए समय से पहले बरी किए गए 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा दी गई रिहाई को कैंसिल कर दिया था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों को दो हफ्ते के भीतर जेल में सरेंडर करने का आदेश दिया था.
याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को जमकर फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गुजरात सरकार बिलकिस बानो केस में दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश देने के लिए सक्षम नहीं थी. यह अधिकार केवल महाराष्ट्र सरकार को ही था. सुप्रीमकोर्ट ने आगे कहा कि जिस राज्य में अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है या सजा सुनाई जाती है, उसी राज्य की सरकार दोषियों की सजा माफी याचिका पर कोई फैसला लेने के लिए सक्षम है.