भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 45 साल तक एक भी गोली नहीं चली, लेकिन पिछले 20 दिनों में पूर्वी लद्दाख में दोनों के बीच गोलीबारी की तीन घटनाएं हो गईं.
सेना के सूत्रों ने बताया कि पहली घटना तब हुई जब भारतीय सेना ने 29-31 अगस्त के बीच पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे के पास ऊंचाइयों पर कब्जे की चीनी कोशिश को नाकाम कर दिया, दूसरी घटना 7 सितंबर को मुखपारी की ऊंचाई के पास हुई.
तीसरी घटना 8 सितंबर को पैंगॉन्ग झील के उत्तरी तट के पास हुई. दोनों पक्षों के सैनिकों ने 100 से अधिक राउंड फायर किए, चीनी पक्ष बहुत आक्रामक तरीके से व्यवहार कर रहा था.
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर मॉस्को में थे.
वहां उन्होंने सीमा मुद्दों पर चर्चा के लिए अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की थी. चर्चा के अनुसार, दोनों पक्ष कॉर्प्स कमांडर स्तरीय वार्ता करने वाले थे, लेकिन अभी तक चीनी पक्ष द्वारा तारीख और समय की पुष्टि नहीं की गई है.
पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन ने सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर पिछले कुछ महीनों में कई दौर की वार्ता की है लेकिन अब तक इसका कोई महत्वपूर्ण परिणाम नहीं निकला है.
दोनों देश इस साल अप्रैल-मई से पैगॉन्ग झील के पास कोंगरूंग नाला, गोगरा, और फिंगर क्षेत्र में चीनी सेना द्वारा किए गए बदलाव के बाद गतिरोध में लगे हुए हैं. भारतीय सेना ने अब लद्दाख सेक्टर में अपनी तैयारियों को कई गुना बढ़ा दिया है.
Three firing incidents between India-China in last 20 days in Eastern Ladakh
— ANI Digital (@ani_digital) September 16, 2020
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