इन दिनों उत्तराखंड में मानसून सत्र चल रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सदन में में ‘कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए हैं’.
हरीश रावत भी मुख्यमंत्री धामी के ‘एजेंडे’ पर नजर लगाए हुए हैं, इसीलिए राजधानी देहरादून में ही है. इसके साथ रावत राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारी में भी जुटे हुए हैं.
लेकिन बुधवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराज चल रहे चार कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखविंदर सिंह रंधावा, सुख सकारिया व चरनजीत चन्नी और तीन विधायक कुलवीर जीरा, बरीन्द्रजीत पहाड़ा व सुरिंदर धीमान हरीश रावत से मिलने देहरादून पहुंचे.
रावत ने इन नाराज नेताओं के साथ बैठक की. मुलाकात के दौरान रावत की ओर से साफ संकेत दिए गए हैं कि नेताओं द्वारा कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की जो मांग की जा रही है, वह पूरी नहीं होगी और पार्टी उनकी अगुवाई में ही 2022 का चुनाव लड़ेगी.
वहीं रावत ने यह भी कहा कि पंजाब से आए मंत्रियों, विधायकों में कोई नाराजगी नहीं है. उन्होंने सब कुछ ठीक होने का दावा भी किया. पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने बताया कि कैप्टन और सिद्धू के बीच अब कोई विवाद नहीं है. पार्टी में जो भी हालात अब पैदा हए हैं, उसके बारे में वे सभी घटनाक्रम की जानकारी कांग्रेस हाईकमान को देंगे. हालांकि रावत ने पंजाब के नाराज मंत्रियों, विधायकों के साथ क्या चर्चा हुई, या वे मान गए हैं इस पर कुछ नहीं कहा.
गौरतलब है कि पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के भीतर ही जंग चल रही है. पहले नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बनाने को लेकर संकट था, अब बीते दिनों ही पंजाब कांग्रेस के कई विधायकों, नेताओं ने मांग कर दी है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदला जाना चाहिए. इसके अलावा पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सिद्धू के सलाहकारों का कैप्टन पर भी निशाना साधा जा रहा है.
ऐसे में चुनाव से पहले पार्टी के भीतर की ‘जंग’ खुलकर सामने आ रही है. बता दें कि पिछले महीने जुलाई में हाईकमान ने हरीश रावत को उत्तराखंड में ‘मिशन 22’ के लिए चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपी है, लेकिन जब-जब रावत उत्तराखंड में चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू करने के लिए तैयार होते हैं तब पंजाब का सियासी संकट उन्हें उलझा देता है.
अब एक बार फिर पंजाब प्रभारी हरीश रावत अमरिंदर, सिद्धू और नाराज विधायकों, मंत्रियों की शिकायतों और सुलह समझौते को लेकर दून से दिल्ली हाईकमान के दरबार में दौड़ लगाएंगे.