आज 23 दिसंबर है. क्रिसमस आने में केवल 2 दिन रह गए हैं. लेकिन उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में इस बार रौनक दिखाई नहीं पड़ रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है कोरोना महामारी.
यह पहली बार होगा जब क्रिसमस पर हिल स्टेशन (पहाड़ी इलाकों) में पर्यटकों की हर साल की तरह इस बार इतनी चहल-पहल दिखाई नहीं देगी.
वर्ष में दो मौके ऐसे होते हैं जब लोग सैर सपाटे का कार्यक्रम बनातेे हैं. एक गर्मी की छुट्टियों में दूसरा दिसंबर के आखिरी सप्ताह में. आज बात करेंगे जाड़े की छुट्टियां यानी विंटर वेकेशन में मस्तियों की. किसका मन नहीं करता कि सर्दियों के मौसम में पहाड़ी वादियों में जाकर बर्फबारी का आनंद लिया जाए.
अगर आपके पास क्रिसमस फेस्टिवल और नए वर्ष को सेलिब्रेट करने का मौका हो तो फिर पहाड़ी इलाकों में जाने का मजा दोगुना हो जाता है. उत्तराखंड और हिमाचल में सैलानियों को बर्फबारी आकर्षित करती रही है. लेकिन इस बार इन दोनों राज्यों ने महामारी की वजह से कई बंदिशें लगाई हुई हैं.
यहां हम आपको बता दें कि उत्तराखंंड की राजधानी देहरादून में प्रशासन ने क्रिसमस और नव वर्ष पर होने वाले जश्न पर कड़ी पाबंदी लगा दी है. क्रिसमस और नववर्ष पर होटलों, सार्वजनिक स्थलों पर सामूहिक कार्यक्रम और पार्टी पर रोक लगा दी है.
ऐसे ही पहाड़ोंं की रानी मसूरी और नैनीताल में भी इस बार नव वर्ष का जश्न फीका ही रहेगा. हालांकि इन दोनों हिल स्टेशनों पर सैलानी पहुंच तो रहे हैं लेकिन कोरोना महामारी होनेे की वजह से सहमे हुए नजर आ रहे हैं.
दूसरी ओर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अपने यहां सैलानियों का आने के लिए स्वागत तो किया है लेकिन इस बार उत्तराखंड की वादियों में नए वर्ष का जश्न फीका ही नजर आएगा.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार