यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार में यश भारती पुरस्कार को लेकर कई बार विवाद भी सामने आए. इसके अलावा पुरस्कार पाने वाले को आजीवन पचास हजार रुपये की पेंशन दिए जाने का भी प्रावधान किया गया था. बाद में ये पुरस्कार योजना विवादों में घिर गई.
‘साल 2017 में प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी की महत्वाकांक्षी यश भारती पुरस्कार पर पहले ही कैंची चला दी थी, यश भारती से सम्मानित लोगों को दी जाने वाली मासिक पेंशन बंद कर दी गई’. हालांकि बाद में योगी सरकार ने इसकी पेंशन आधी 25 हजार कर दी थी.
बता दें कि पिछले दिनों एक समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि सपा सरकार ने खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार व उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मान राशि के साथ यशभारती पुरस्कार देने की व्यवस्था की थी, लेकिन भाजपा सरकार ने बंद कर दिया.
अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में सपा सरकार आने पर ये पुरस्कार व सम्मान फिर से दिए जाएंगे . हालांकि सपा की सरकार बनेगी या नहीं, ये तो 2022 के विधानसभा चुनाव में ही पता चलेगा.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार