हिंदू धर्म शास्त्रों में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. धर्म शास्त्रों में सोमवार का व्रत बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है. कहा गया है कि अविवाहित लड़कियां मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए और विवाहित सुहागिनें अपने अखंड सौभाग्य के लिए सोमवार का व्रत रखती हैं.
वहीं पुरुष भी जीवन की समस्याओं के निवारणार्थ व्रत रखते हैं. भगवान शिव व्रत रखकर विधि –विधान से पूजा करने से अति प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनकी मनोकामनाएं पूरी होने के लिए आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
परंतु कुछ लोगों के लिए सोमवार का व्रत वर्जित माना गया है. यदि ये लोग सोमवार का व्रत करें तो उन्हें भगवान शिव की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. इसके साथ ही इन लोगों को व्रत और पूजा का शुभ फल भी नहीं प्राप्त होता है. उन्हें लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है.
ये लोग न करें सोमवार व्रत
जो पुरुष अपने मन में महिलाओं के प्रति गंदे विचार रखते हैं तथा उनका अनादर करते हैं. उन लोगों से भगवान शिव प्रसन्न नहीं होते. ऐसे में इन गंदे विचारों के साथ पुरुषों को सोमवार का व्रत नहीं रखना चाहिए.
जिन लोगों का विवाह, वैवाहिक रस्मो-रिवाज या धार्मिक विधि -विधान से न किया गया हो, धार्मिक और नैतिक कर्तव्यों का पालन न किया गया हो. ऐसे लोगों से भगवान शिव प्रसन्न नहीं होते हैं. इन्हें सोमवार व्रत का फल प्राप्त नहीं होता. ऐसे लोगों को सोमवार व्रत रखने का कोई औचित्य नहीं होता.
धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव बहुत दयालु हैं. वे ग़रीबों, बेसहारा और जरूरत मंदों की मदद करने वाले लोगों पर कृपा करते हैं. जो लोग इन लोगों की मदद नहीं करते हैं उन पर भगवान शिवजी की कृपा नहीं होती है. ऐसे में इन लोगों को सोमवार व्रत का फल प्राप्त नहीं होता.
सोमवार व्रत में भगवान शिव की पूजा विधि पूर्वक अवश्य करनी चाहिए तथा व्रत में सोमवार व्रत की कथा जरूर पढ़नी या सुननी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा न करने से भगवान शिव का आशीर्वाद नहीं प्राप्त होता है.