कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले मेडिकल उपकरण वेंटिलेटर्स से की. राहुल ने कहा कि पीएम केयर्स फंड से खरीदे गए ये वेंटिलेटर्स ‘बहुत ज्यादा गलत पीआर देते हैं’, ‘ये अपना काम नहीं करते’ और ‘जब जरूरत पड़ती है तो कहीं दिखाई नहीं देते.’
कांग्रेस नेता ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘पीएम केयर्स से खरीदे गए वेंटिलेटर और प्रधानमंत्री के बीच बहुत सारी समानताएं हैं: ये बहुत ज्यादा गलत पीआर देते हैं, ये अपना काम नहीं करते हैं और जब जरूरत पड़ती है तब कहीं दिखाई नहीं देते.’
केंद्र का कहना है कि महामारी की शुरुआत होने के बाद से वह अप्रैल 2020 से राज्यों को वेंटिलेटर्स सहित चिकित्सा सामग्री उपलब्ध कराते हुए उनकी मदद करता आया है.रिपोर्टों के मुताबिक जिन वेंटिलेटर्स पर सवाल उठे हैं उनकी आपूर्ति भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड और एग्वा ने की है.
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने इन वेंटिलेटर्स को लगाने एवं काम करने के प्रक्रिया का तुरंत ऑडिट करने का आदेश दिया है. साथ ही उन्होंने जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने का भी निर्देश दिया है.
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) इन वेंटिलेटर्स का ऑडिट करेगा क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि पीएम केयर्स फंड सीएजी की ऑडिट के दायरे में नहीं आता. कांग्रेस के नेता कोविड-19 संकट के प्रबंधन को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं. पिछले सप्ताह राहुल ने पीएम मोदी पर ‘लापता’ होने का आरोप लगाया.
दरअसल, राहुल का यह ट्वीट ऐसे समय आया है जब पंजाब के फरीदकोट में पीएम केयर्स फंड से खरीदे गए वेंटिलेटर्स का इस्तेमाल नहीं होने की रिपोर्टें आई हैं.इन रिपोर्टों में कहा गया है कि तकनीकी खामी होने की वजह से इन वेंटिलेटर्स का इस्तेमाल नहीं हो पाया है. हालांकि, केंद्र ने इन रिपोर्टों को ‘आधारहीन’ बताते हुए खारिज किया है.
केंद्र का आरोप है कि गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलजे एवं अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.केंद्र का कहना है कि अगर यदि वेंटिलेटर्स का इस्तेमाल नहीं हो पाया है तो इसके लिए अस्पताल जिम्मेदार है.