आज फुर्सत का दिन संडे है. लेकिन भाजपा ने राजनीतिक विश्लेषकों और विपक्षी दलों के साथ तमाम न्यूज चैनलों को नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सुबह से ‘उलझा’ दिया है. विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद अब हर किसी के मन में यही सवाल है कि अब गुजरात का नया मुख्यमंत्री ‘कौन’ होगा? नए मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा है. सियासत के जानकारों में भी नए नाम को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं.
शनिवार को विजय रुपाणी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली से लेकर अहमदाबाद तक सियासी हलचल है. हालांकि पार्टी हाईकमान ने गुजरात में किसे कमान सौंपनी है, कई दिनों पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने संघ के नेताओं से विचार-विमर्श करके होने वाले मुख्यमंत्री के चेहरे पर मुहर लगा दी है.
गुजरात में नए नेतृत्व को लेकर चैनलों में पल-पल के अपडेट आते जा रहे हैं. कल तक नए मुख्यमंत्री के तौर पर मनसुख मंडाविया, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, पुरुषोत्तम रुपाला और सीआर पाटिल के नाम आगे चल रहे थे.
लेकिन अब लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल और गोरधन झड़फिया भी उनमें शामिल हैं, जिन्हें गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है . ऐसे में बीजेपी किस चेहरे को राज्य की कमान सौंपेगी, इस पर सबकी नजर टिकी है.
कई नाम मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में सामने आ रहे हैं. लेकिन भाजपा ने इन नामों पर मौन की स्थिति धारण कर रखी है. बता दें कि रुपाणी को पिछली बार सीएम बनाया गया था, तब नितिन पटेल का नाम मुख्यमंत्री के रूप में आगे चल रहा था, हालांकि बाद में जब सीएम के नाम की घोषणा की गई, तब सभी को ‘सरप्राइज’ करते हुए रुपाणी के नाम का एलान किया गया था.
उत्तराखंड में भी इस साल ऐसे ही भाजपा केंद्रीय आलाकमान ने किया था. त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद तीरथ सिंह रावत फिर उसके बाद पुष्कर सिंह धामी को भी सरप्राइस के रूप में नाम का एलान किया गया .
विधायक दल की बैठक में चुना जाएगा मुख्यमंत्री का नया चेहरा
राजधानी गांधीनगर में भाजपा नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है. दिल्ली से पर्यवेक्षक के रूप में कैबिनेट मंत्री प्रहलाद जोशी, नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ पहुंच चुके हैं. आज दोपहर तीन बजे अहमदाबाद में भाजपा विधायक दलों की होने वाली बैठक में ही नए मुख्यमंत्री का नाम निकल कर सामने आएगा. हालांकि यह माना जा रहा है कि इस बार भी नया नेता पाटीदार समुदाय से होगा.
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती और पाटीदार समुदाय गुजरात में बीजेपी का ‘वोटबैंक’ रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव 2017 से ही पाटीदार समाज भाजपा से नाराज चल रहा है. अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव और पाटीदारों की नाराजगी को दूर करने के लिए ही विजय रुपाणी को मुख्यमंत्री के पद से हटाया गया है.
बता दें कि रुपाणी ने जल्दबाजी में या अचानक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया , गुजरात में सीएम के बदलाव की ‘पटकथा’ पिछले साल दिसंबर में लिखी गई थी, जब पार्टी संगठन ने विजय रुपाणी के खिलाफ रिपोर्ट दी थी. इसके बाद तय हो गया था कि गुजरात में मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा . बता दें कि पिछले महीने 7 अगस्त को रुपाणी के पांच साल (एक साल पहले और दूसरे 4 साल कार्यकाल को मिलाकर) पूरे हो गए थे.
इसके बाद से ही उनके जल्द इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही थीं. लेकिन उच्च स्तर पर लगातार बातचीत जारी रही और एक बार तो ऐसा लगा कि विजय रुपाणी अपने आप को बचा जाएंगे.
दो दिन पहले गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष अहमदाबाद पहुंचे थे. दोनों नेताओं ने रात में बैठक कर विजय रुपाणी के इस्तीफे का समय और तारीख तय कर दी थी . बता दें कि 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल दिसंबर में होने हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार