तालिबान ने किया पूरे पंजशीर पर कब्जा होने का दावा, एनआरएफ के चीफ कमांडर की भी मौत

काबुल|….तालिबान ने अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी को लेकर बड़ा दावा किया है. न्यूज़ एजेंसी एएफपी के मुताबिक, तालिबान का कहना है कि उसने पंजशीर प्रांत पर भी पूरी तरह कब्जा कर लिया है.

इसके साथ-साथ रजिस्टेंस फोर्स यानी नॉर्दन अलायंस(NRF) के चीफ कमांडर सालेह मोहम्मद की भी मौत का भी दावा किया गया है. तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा, ‘इस जीत से हमारा देश पूरी तरह से युद्ध के दलदल से बाहर निकल गया है.’

सोशल मीडिया पर सामने आ रही तस्वीरों में तालिबान के लड़ाके पंजशीर के प्रांतीय गवर्नर के परिसर के गेट के सामने खड़े नजर आ रहे हैं. तालिबान का कहना है कि पंजशीर को जल्द ही मसूद परिवार से स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा. अब घाटी में भी तालिबानी प्रशासक होगा.

इससे पहले पंजशीर के शेर कहने वाले अहमद मसूद ने तालिबान के सामने फिर से शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा था. मसूद ने दावा किया था कि तालिबान ने अपने लड़ाकों को पंजशीर से वापस बुला लिया है. तालिबानी लड़ाके बागलान प्रांत के अंदराब जिले से भी पीछे हट गये हैं. मसूद ने कहा कि तालिबानियों के पीछे हटने के बाद NRF ने अपना मिलिट्री ऑपरेशन रोकने का ऐलान किया है.

हालांकि, सोमवार को तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पंजशीर में तालिबान का कब्जा होने और तालिबान का झंडा लहराने की पुष्टि की. नॉर्दन अलायंस की ओर से अभी तक ऐसा कोई बयान नहीं आया है.

पंजशीर में तालिबान के लड़ाकों को भारी नुकसान की खबर है. हामिद मसूद की रेजिस्टेंस फोर्स ने तालिबान के लड़ाकों का पंजशीर में घुसना मुश्किल कर दिया है. इस पहाड़ी प्रांत में मसूद के लड़ाकों ने हर रास्ते पर एम्बुश लगा रखा है. पंजशीर समर्थकों ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उनके लड़ाके तालिबानियों के सैन्य वाहनों को रॉकेट से उड़ाते हुए दिख रहे हैं.

कुछ रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तान ने अपने सबसे बड़े दुश्‍मन अमरुल्‍ला सालेह के घर को फाइटर जेट और ड्रोन से निशाना बनाया है. हालांकि, सालेह से इस हमले में बाल-बाल बचे. इसके बाद वो किसी अज्ञात जगह पर छिप गए हैं. इससे पहले तालिबानी हमले में पंजशीर घाटी के विद्रोही नेता अहमद मसूद के प्रवक्‍ता और पत्रकार फहीम दश्‍ती की मौत हो गई.

कहां है पंजशीर?
पंजशीर घाटी का अर्थ है पांच शेरों की घाटी. इसका नाम एक किंवदंती से जुड़ा हुआ है. माना जाता है कि 10वीं शताब्दी में, पांच भाई बाढ़ के पानी को नियंत्रित करने में कामयाब रहे थे. उन्होंने गजनी के सुल्तान महमूद के लिए एक बांध बनाया. इसी के बाद से इसे पंजशीर घाटी कहा जाता है. पंजशीर घाटी काबुल के उत्तर में हिंदू कुश में स्थित है. यह क्षेत्र 1980 के दशक में सोवियत संघ और फिर 1990 के दशक में तालिबान के खिलाफ प्रतिरोध का गढ़ था. 3 इस घाटी में डेढ़ लाख से अधिक लोग रहते हैं, इनमें से ज्यादातर ताजिक मूल के हैं.

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