इनकम टैक्स एक ऐसा विभाग है जिसका नाम सुनते ही एक आम करदाता भी डरने लगता है. अगर टैक्स विभाग की ओर से उसके घर में मान लीजिए लेटर आ जाए वह भी उसके लिए मुसीबत बन जाता है. ऐसे ही केंद्र की मोदी सरकार की इकोनॉमी और व्यापार जगत में कठोर दखलअंदाजी देश में विरोधी स्वर भी देखने को मिले थे. जैसे जीएसटी, बैंकिंग व्यवस्था, बैंकों में जमा रुपयों पर लगातार घटती ब्याज, बैंकों से रुपयों को निकालने की तय की गई सीमा, आयात और निर्यात के मामलों में सख्त रवैया, केंद्र सरकार के ये ऐसे फैसले रहे जिसका देश में विरोध भी दिखाई दिया. लेकिन गुरुवार को केंद्र सरकार देशवासियों के लिए उदारवादी तोहफा दिया है.
हम बात कर रहे हैं नए टैक्स सिस्टम की, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्षों से देश में चले आ रहे टैक्स व्यवस्था में बड़ा बदलाव कर दिया है. अब इस नई व्यवस्था में न केंद्र सरकार की दखल होगी न इनकम टैक्स अधिकारियों से डरने की जरूरत होगी. केंद्र सरकार के इस नए टैक्स व्यवस्था को देश में लागू करने का मुख्य उद्देश्य ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाना भी माना जा रहा है.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें ‘फेसलेस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर’ जैसे बड़े रिफॉर्म शामिल हैं. फेसलेस असेसमेंट इलेक्ट्रॉनिक मोड में होता है. इनमें टैक्सपेयर किसी टैक्स अधिकारी के आमने-सामने होने की या किसी टैक्स ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होती। इस फेसलेस की करदाताओं को सुविधा अगले महीने से मिलने शुरू होगी.
नए सिस्टम के तहत टैक्स देने में करदाताओं को आसानी भी होगी
बता दें कि इस नए टैक्स प्लेटफॉर्म के तहत करदाता को फेसलेस असेसमेंट, टैक्स पेयर्स चार्टर, फेसलेस अपील की सुविधा मिलेगी. साथ ही अब टैक्स देने में आसानी होगी, तकनीक की सहायता से लोगों पर भरोसा जताया जाएगा. देश के टैक्स पेयर पर भरोसा भी जताया है यानी अब ईमानदार करदाताओं का सम्मान होगा. पीएम मो ने कहा कि देश में आज से शुरू हो रही नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्ननेंस को आगे बढ़ाती हैं.
इससे सरकार का दखल कम होगा. नहीं टैक्स व्यवस्था में सरकारी सिस्टम में टेक्नोलॉजी का प्रयोग बढ़ जाएगा. पीएम ने कहा कि देश के साथ छल करने वाले कुछ लोगों की पहचान के लिए बहुत लोगों को परेशानी से गुजरना पड़ा. छल करने वाले कुछ लोगों की वजह से करोड़ों ईमानदार टैक्सपेयर्स को भी परेशान होना पड़ता था. ऐसे में साठगांठ की व्यवस्था बन गई. इसी चक्कर के कारण ब्लैक-व्हाइट का उद्योग बढ़ा.
यही नहीं अब छोटे और मोटे इनकम टैक्स के मामले अदालतों में नहीं घसीटे जाएंगे, केवल बड़े मामलों का ही निपटारा कोर्ट में होगा. पहले अपने शहर का अधिकारी है मामला देखता था, लेकिन अब टेक्नोलॉजी की वजह से देश के किसी भी हिस्से का अधिकारी केस की जांच कर सकता है. अगर मुंबई में कोई केस सामने आता है, तो उसकी जांच का मामला मुंबई को छोड़कर किसी भी शहर की टीम के पास जा सकता है.
केंद्र सरकार ने टैक्स सिस्टम में किए यह तीन बड़े बदलाव
केंद्र की मोदी सरकार ने देश की टैक्स व्यवस्था में जो तीन बड़े सुधार या बदलाव किए हैं वह इस प्रकार हैं. इनमें फेसलेस, फेसलेस अपील और चार्टर शामिल हैं. अगर आसान भाषा में समझें तो ये चार्टर- एक तरह का लिस्ट होगा, जिसमें टैक्सपेयर्स के अधिकार और कर्तव्य के अलावा टैक्स अधिकारियों के लिए भी कुछ निर्देश होंगे. इसके जरिए करदाताओं और इनकम टैक्स विभाग के बीच विश्वास बढ़ाने की कोशिश की जाएगी.
इस चार्टर में टैक्सपेयर्स की परेशानी कम करने और इनकम टैक्स अफसरों की जवाबदेही तय करने की व्यवस्था होगी. फेसलेस अपील- इसकी सुविधा इस साल 25 सितंबर से लागू होगी. इस सुविधा के द्वारा भी भ्रष्टाचार और मनमानी को रोकने की कोशिश की जाएगी. इसके तहत टैक्सपेयर्स की अगर कोई शिकायत है तो उसे इसके लिए रैंडम तरीके से चुने गए अफसर के पास अपील का अधिकार होगा.
यह अफसर कौन है, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं होगी. करदाताओं को इसके लिए किसी भी दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी. फेसलेस असेसमेंट- इसके पहले स्क्रूटनी वाले मामलों में असेसमेंट प्रक्रिया के दौरान करदाता को कई बार टैक्स अधिकारियों का चक्कर लगाना पड़ता था. यह एक तरह से भ्रष्टाचार की वजह बनता था और खासकर ज्यादा रकम वाले मामलों में ऐसे आरोप लगते थे. लेन-देन के जरिए मामले निपटाने की कोशिश हो सकती थी. लेकिन फेसलेस असेसमेंट यह रास्ता बंद हो जाएगा.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार
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