राष्ट्रीय विस्तार की आकांक्षा पाले तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी के अंदर पार्टी का नाम बदलने पर भी चर्चा हो रही है. हालांकि अभी ये मसला चर्चा के स्तर पर ही है. कोई भी अंतिम फैसला ममता बनर्जी करेंगी.
टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी के नाम बदलने पर पार्टी के अंदर चर्चा है, हालांकि अभी इस संबंध में कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.
दूसरी तरफ टीएमसी ने अपने संविधान को बदलना भी तय कर लिया है ताकि पार्टी वर्किंग कमेटी में दूसरे राज्यों से भी लोगो को शामिल किया जा सके. अभी टीएमसी वर्किंग कमेटी में सिर्फ बंगाल के नेता ही शामिल हैं.
ऐसे में दूसरे राज्यों में विस्तार की कोशिश में जुटी टीएमसी की नज़र दूसरे राज्यों पर भी है. अभी तक टीएमसी ने बंगाल के अलावा त्रिपुरा, मेघालय और गोवा में मजबूती से अपने पार्टी का विस्तार करने में लगी है.
दरअसल टीएमसी के राष्ट्रीय विस्तार के लिए टीएमसी पार्टी का नाम बदलने पर चर्चा है और पार्टी संविधान में बदलाव भी इसी उद्देश्य से किया जाएगा. चुनाव आयोग के पूर्व अधिकारी के मुताबिक कोई भी पार्टी अपना नाम बदल सकती है, लेकिन चुनाव आयोग की मंजूरी नए नाम के लिए लेनी पड़ती है.
चुनाव आयोग के मापदंडों के मुताबिक टीएमसी को अभी भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल है, लेकिन टीएमसी का मूल आधार पश्चिम बंगाल ही रहा है. अब पार्टी देश में अपना विस्तार करना चाहती है इसलिए पार्टी संविधान में बदलाव करेगी और पार्टी के नाम बदलने पर भी विचार कर रही है. इस बदलाव का मकसद राष्ट्रीय स्तर पर तृणमूल कांग्रेस को न सिर्फ बंगाल की पार्टी के तौर पर बल्कि पूरे देशव्यापी पार्टी के तौर पर देखा जाना है.