भारत में कोरोना वैक्सीन की कमी के बीच रूस की स्पुतनिक वैक्सीन शनिवार को भारत पहुंच गई है. स्पुतनिक वैक्सीन के भारत आने से तीसरे चरण के वैक्सीनेशन में तेजी देखने को मिलेगी. भारत में 18 से 44 साल के लोगों के लिए तीसरे चरण का वैक्सीनेशन आज से शुरू हो गया है. तीसरे चरण के लिए भारी संख्या में लोगों ने अपना पंजीकरण करवाया है.
स्पूतनिक-वी वैक्सीन को गमालया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है. स्पूतनिक वी दो खुराक का टीका है. पहली खुराक लेने के बाद 21वें दिन दूसरी खुराक लेनी होगी. टीका लेने के 28वें और 42वें दिन के बीच शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाएगी.
शुरुआत में इस वैक्सीन की क्षमता पर सवाल खड़े किए गए, मगर बाद में जब इस साल फरवरी में ट्रायल के डेटा को द लांसेट में पब्लिश किया गया तो इसमें इस वैक्सीन को सेफ और इफेक्टिव बताया गया. दरअसल, कोविड-19 के रूसी टीके ‘स्पूतनिक-वी के तीसरे चरण के परीक्षण में यह 91.6 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है और कोई दुष्प्रभाव भी नजर नहीं आया. ‘द लांसेट’ जर्नल में प्रकाशित आंकड़ों के अंतरिम विश्लेषण में यह दावा किया गया है. अध्ययन के ये नतीजे करीब 20,000 प्रतिभागियों से एकत्र किए गए आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित हैं.
इसके दो महीने बाद अप्रैल महीने में भारत में रूसी कोरोना टीके ‘स्पूतनिक वी’ के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई. भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने देश में कुछ शर्तों के साथ रूसी कोरोना टीके ‘स्पूतनिक वी’ के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने की सिफारिश की थी, जिस पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने अपनी मुहर लगाई.