हर साल 24 और 25 दिसंबर दुनिया सबसे बड़े फेस्टिवल के जश्न, उल्लास और उमंग में रंगी हुई नजर आती है . यह ऐसा त्योहार है जो विश्व के कई देशों में एक साथ सेलिब्रेट किया जाता है. इस फेस्टिवल को मनाने के लिए दुनिया के तमाम देश कई दिन पहले तैयारियों में जुटे रहते हैं.
वर्षों बाद इस त्योहार की खुशियों पर कोरोना महामारी ने ग्रहण लगा दिया. हम बात कर रहे हैं ईसा मसीह के जन्मदिन पर मनाए जाने वाले क्रिसमस डे फेस्टिवल की. अभी कुछ दिनों पहले तक कई देश इस कोविड-19 से उभरने लगे थे लेकिन पिछले दिनों ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए ‘स्ट्रेन’ ने एक बार फिर दुनिया भर में नींद उड़ा कर रख दी है.
एक बार फिर लोग डर के साए में है. संक्रमण से बचाव के लिए कई देशों में उड़ानों को रोक दिया गया है. कुछ देशों ने सख्त लॉकडाउन का रास्ता भी अपनाया है. जिसकी वजह से ईसाइयों के सबसे महत्वपूर्ण पर्व पर खलल पड़ा है. भारत ने भी इंग्लैंड से आने वाली फ्लाइट पर 23 दिसंबर से 31 तक रोक लगा दी है.
यही नहीं इस दिन सांता क्लॉज बच्चों को गिफ्ट देते हैं, लेकिन इस बार सांता के गिफ्ट पर खुशियां नहीं दिखाई दीं. यह हम आपको बता दें कि हर साल 25 दिसंबर को मनाए जाने वाले क्रिसमस डे के मौके पर लोग एक दूसरे को गिफ्ट्स देते हैं और ईसा मसीह के जन्म की खुशियों को साझा करते हैं.
स्वादिष्ट पकवान पकाए जाते हैं और घरों, चर्चों को रंग-बिरंगे सजावट से सजाया जाता है. पूरी दुनिया में क्रिसमस का पर्व 12 दिनों तक मनाया जाता है. देश और विदेश के चर्च खूबसूरत सजावट और रोशनी से जगमगाए हुए हैं. आज के दिन हिंदू रिवाज के अनुसार ‘बड़ा दिन’ भी मनाया जाता है. इसी दिन ‘तुलसी विवाह’ का भी आयोजन होता है. यह दिन सभी धर्मों में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार