पहले देश के लोग कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए ‘डर’ से कतरा रहे थे. केंद्र और राज्य सरकारें लगातार लोगों को इस महामारी से बचने के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दे रही थी. कोविड-19 की दूसरी लहर ने जब देशभर मे मचाई ‘तबाही’ के बाद और तमाम एक्सपर्ट और डॉक्टरों ने देशवासियों को वैक्सीन लगवाने के लिए ‘प्रेरित’ किया.
उसके बाद देश में टीकाकरण को लेकर लोगों में जागरूकता आती गई . पिछले दिनों केंद्र सरकार ने वैक्सीन का आयु का दायरा घटाकर 18 से 44 कर दिया है . उसके बाद देश के युवाओं में वैक्सीन लगवाने के लिए गंभीर हो गए हैं. 28 अप्रैल से शुरू हुए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए करोड़ों लोगों ने टीका लगवाने के लिए आवेदन कर वैक्सीनेशन की कतार में आ खड़े हुए हैं.
लेकिन एक मई, शनिवार को कई राज्यों में शुरू हो रहे तीसरे चरण में युवा वर्ग वैक्सीन लगवाने के लिए अस्पतालों में तो आएंगे तो उन्हें मायूस ही लौटना पड़ेगा . बता दें कि देश में इस वक्त वैक्सीन की भी किल्लत है, ऐसे में कई राज्य ‘राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली और मध्य प्रदेश एक मई से वैक्सीनेशन शुरू करने से इनकार कर चुके हैं इन राज्यों की सरकारों ने साफ तौर पर कहा है कि हमारे यहां वैक्सीन नहीं है’. दूसरी ओर ‘केंद्र सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय कह रहा है कि भारत में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है’.
सिर्फ विपक्षी दलों के राज्य ही नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों ने भी ऐसा ही किया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फिलहाल 18 वर्ष से 44 के बीच अभी वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी, क्योंकि वैक्सीन का जो ऑर्डर किया है वो अभी तक नहीं पहुंची है. राजस्थान सरकार ने भी वैक्सीन की कमी होने के कारण 15 मई से वैक्सीनेशन ओपन करने का फैसला किया है.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के मुताबिक, उनके राज्य को करीब 7 करोड़ वैक्सीन की जरूरत है, 3.75 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया जा चुका है, लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि 15 मई तक ही वैक्सीन की सप्लाई हो सकेगी. ऐसे ही महाराष्ट्र कि उद्धव ठाकरे सरकार का कहना है कि उन्होंने वैक्सीन का ऑर्डर दिया है, लेकिन सप्लाई नहीं हुई है. महाराष्ट्र के हालात ये हैं कि 45 साल से अधिक उम्र वालों के लिए ही वैक्सीन नहीं मिल पा रही है.
ऐसे में मुंबई में तीन दिन के लिए वैक्सीनेशन पूरी तरह से रोक दिया गया है. वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि उन्होंने वैक्सीन का ऑर्डर कर दिया है, लेकिन वैक्सीन निर्माताओं की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. ऐसे में युवाओं का को एक मई से वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो सकेगा. ऐसे ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने यहां वैक्सीन की कमी के लिए चिट्ठी लिखी है.
पंजाब सरकार ने भी एक मई से 18 साल के ऊपर लोगों को टीक लगाए जाने में असमर्थता जाहिर की है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य के पास वैक्सीन खत्म होने के कगार पर है . इसी प्रकार आंध्र प्रदेश, झारखंड, तमिलनाडु और उड़ीसा में भी वैक्सीन की भारी कमी है.
बिहार में भी एक मई से 18 से 44 साल की उम्र के लोगों को वैक्सीन की डोज मिलने के आसार नहीं हैं, बिहार में शनिवार से वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू नहीं होगा.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार
नहीं की तैयारी: केंद्र और राज्य सरकारों में ‘डोज पर नो डील’ के बीच देश का युवा खड़ा वैक्सीनेशन की कतार में
- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -