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गडकरी का एलान: देश का सबसे लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे डेढ़ साल में होगा पूरा, 12 घंटे में तय होगी दूरी

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मोदी सरकार में एक केंद्रीय मंत्री ऐसे भी हैं जो देश में सड़कों का जाल बिछाने के लिए जाने जाते हैं. साल 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार बनी थी तब उस समय इनको केंद्रीय परिवहन और भूतल मंत्री बनाया गया था. इसके साथ देश में ड्राइविंग को स्मार्ट बनाने में इनकी बड़ी भूमिका रही है.

करीब 7 सालों से इन्होंने पूरे देश की सड़कों की ‘कायापलट’ कर दी है. ‌हम बात कर रहे हैं नागपुर से भाजपा के सांसद और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की. पिछले कुछ समय से गडकरी राजधानी दिल्ली से मुंबई के बीच बन रहे एक्सप्रेस-वे पर पूरा ध्यान लगाए हुए हैं.

यह एक्सप्रेस वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. गुरुवार को वे 90 हजार करोड़ रुपए की लागत से बन रहे दिल्ली-मुंबई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करने राजस्थान के दौसा के धनावड़ गांव आए थे. उन्होंने कहा कि नए हॉर्न पैटर्न पर काम शुरू हो गया है.

1350 किमी है हाईवे की लंबाई दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे भारत माला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है. इसके जरिए इन दो बड़े शहरों को जोड़ा जाएगा. इसे बनाने में 90 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे.

इस प्रोजेक्ट को जनवरी 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इस एक्सप्रेस वे के बन जाने के बाद दिल्ली से मुंबई के बीच यात्रा का समय 24 घंटे से कम होकर 12 घंटे रह जाएगा. बता दें कि यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा.

यह एक्सप्रेस वे आठ लेन और पांच राज्यों से होकर गुजरेगा
यह एक्सप्रेस वे आठ लेन का होगा और देश के 5 राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरेगा. इससे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी में सुधार होगा. इस एक्स्प्रेस वे के बनने के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी करीब 160 किमी कम हो जाएगी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह हाईवे बनने से दिल्ली से मुंबई का सफर केवल 12 से साढ़े 12 घंटे में सफर पूरा किया जा सकेगा. वर्तमान में दिल्ली से मुंबई की दूरी सड़क मार्ग से करीब 1,510 किलोमीटर है. एक्सप्रेस-वे बनने के बाद इसकी दूरी 1,350 किलोमीटर रह जाएगी.

इसके अलावा इससे सालाना 32 करोड़ लीटर से अधिक की फ्यूल की बचत होगी. वहीं, CO2 उत्सर्जन में 85 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी जो कि चार करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है. इसके अलावा नितिन गडकरी राजधानी दिल्ली से हरिद्वार होते हुए देहरादून, दिल्ली से अमृतसर, दिल्ली से वैष्णो देवी कटरा, दिल्ली से जयपुर तक एक्सप्रेस वे बनाने में जुटे हुए हैं. ‌

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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