कृषि कानून और किसानों की नाराजगी भाजपा के लिए पंचायत चुनाव में भारी पड़ सकती है. पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले राकेश टिकैत पूरे देश भर में घूम-घूम कर भाजपा को हराने के लिए कमर कसे हुए हैं. वहीं पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी किसानों की महापंचायतों का आयोजन पिछले समय से करने में जुटी हुई है.
भाजपा को इन चुनावों में पहले किसानों की नाराजगी दूर करनी होगी. इसका सबसे बड़ा कारण है कि यह पंचायत चुनाव जिसको ‘गांव की सरकार’ भी बोला जाता है, जिससे सीधे तौर पर आम आदमी, किसान और मजदूर जुड़े होते हैं.
किसानों का वोट समाजवादी पार्टी या कांग्रेस की ओर न खिसक जाए इसी को लेकर पिछले दिनों लखनऊ में भाजपा ने कार्यसमिति की बैठक भी आयोजित की, जिसमें मुख्य एजेंडा पंचायत चुनाव की तैयारियों पर ही फोकस दिखाई दिया.कार्यसमिति की बैठक में तय हुआ कि बीजेपी पार्टी आठ अभियान चलाएगी.19 मार्च को सभी जिलों और सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी मंत्री, विधायक और सांसद योगी सरकार के चार साल पर कार्यक्रम करेंगे.
इसके साथ 403 विधानसभा में पंचायत चुनाव को लेकर पार्टी के कार्यक्रम होंगे, जहां पर भाजपा के विधायक नहीं है वहां सांसद और एमएलसी रहेंगे.भाजपा के नेता युवाओं के बीच कार्यक्रम भी करके उन्हें रोजगार और व्यवसाय के बारे में बताएंगे. इसके साथ आलाकमान ने तय किया है कि महिलाओं और रेहड़ी, खोमचे वालों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.
इसके अलावा ग्राम संपर्क अभियान के अंतर्गत पार्टी के बड़े पदाधिकारियों के साथ-साथ सांसद विधायक तो चौपाल लगाएंगे ही, सरकार के मंत्रियों को भी गांव में चौपाल लगाने के आदेश दिए गए हैं. यही नहीं इन चुनाव प्रचार का जिम्मा स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी संभालेंगे.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार