केदारनाथ धाम में प्रशासन व पुलिस अधिकारियों से वार्ता और लिखित आश्वासन के बाद तीर्थपुरोहितों ने अपना 49 दिनों से चल रहा धरना-प्रदर्शन खत्म कर दिया है.
तीर्थपुरोहितों ने कहा कि प्रशासन उन्हें बिना पूछे उनके भवन, दुकान को नहीं छेड़ेगा साथ ही न ही इन्हें अधिग्रहित करेगा. बीते 27 जुलाई से केदारनाथ में मास्टर प्लान को भंग करने समेत अन्य मांगों को लेकर तीर्थपुरोहितों का आंदोलन चल रहा था.
शुक्रवार को अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा ने केदारनाथ जाकर आंदोलनरत तीर्थपुरोहितों ने वार्ता की. करीब दो घंटे से अधिक समय तक हुई वार्ता में केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत होने वाले कार्यों को लेकर उन्हें पूछे व विश्वास में लिए बगैर उनके भवन, भूमि और दुकानों को न तो छेड़ा जाए और न अधिग्रहण किया जाए.
यही नहीं, यात्राकाल में भी प्रशासन उनके भवनों को अधिग्रहित नहीं करेगा. कहा कि अगर, शासन, प्रशासन उनकी बातों को मानता है तो वे आंदोलन समाप्त करने के साथ ही केदारनाथ यात्रा को सुचारू रखने में हरसंभव सहयोग देंगे. इस पर अपर जिलाधिकारी ने लिखित में प्रशासन की तरफ से सहमति दी. इस पर, तीर्थपुरोहितों ने सर्वसम्मति से धरना-प्रदर्शन समाप्त कर दिया.
बीते 17 सितंबर को डीएम ने देवस्थानम बोर्ड के सीईओ के आदेश के आधार पर केदारनाथ मंदिर परिधि के 200 मीटर और वैली ब्रिज से मंदिर मार्ग तक किसी भी प्रकार के आंदोलन पर रोक लगा दी थी.
साथ ही एडीएम व एसपी को आदेशानुसार जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसके तहत एडीएम व पुलिस उपाधीक्षक दीपक सिंह मय फोर्स केदारनाथ पहुंचे थे. इस मौके पर राजेंद्र प्रसाद तिवारी, चिमन लाल शुक्ला, अरूण बगवाड़ी, सौरभ शुक्ला, साकेत बगवाड़ी, नवीन बगवाड़ी आदि तीर्थपुरोहित थे.