पीएम मोदी आज असम और बंगाल के दौरे पर हैं. लेकिन हम आज चर्चा पीएम मोदी की चुनावी रैलियों को लेकर नहीं करेंगे. बल्कि उस ड्रीम की करेंगे जो प्रधानमंत्री ने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए देखा था. उस समय नरेंद्र मोदी का सपना था कि भारत में क्रिकेट का सबसे ‘बड़ा और बेस्ट’ स्टेडियम बने.
प्रधानमंत्री का यह ड्रीम प्रोजेक्ट अब पूरा हो चुका है. आइए अब आपको अहमदाबाद लिए चलते हैं. गुजरात का सबसे बड़ा शहर अहमदाबाद क्रिकेट के सबसे बड़े ग्राउंड को लेकर दुनिया का ‘बादशाह’ बन चुका है. जी हां हम बात कर रहे हैं अहमदाबाद के ‘मोटेरा स्टेडियम’ की. इन दिनों यह स्टेडियम दुनिया के क्रिकेट जगत में सुर्खियों में है.
दो दिन बाद 24 फरवरी को दर्शकों के लिए इस स्टेडियम के द्वार खुलने जा रहे हैं. बता दें कि इसका आधिकारिक नाम ‘सरदार पटेल स्टेडियम’ रखा गया है. वहीं मंगलवार 23 फरवरी को मोटेरा स्टेडियम का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर सकते हैं. आज 22 फरवरी है. वैसे तो इस मोटेरा स्टेडियम ने एक साल पहले ही दुनिया का ध्यान खींचा था. लेकिन सबसे अधिक चर्चा में यह मोटेरा स्टेडियम तब आया जब पिछले वर्ष 24 फरवरी 2020 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में पीएम मोदी ने इस स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम का आयोजन किया था.
हालांकि जब भी यह स्टेडियम बनकर तैयार हो चुका था, लेकिन कोरोना संकटकाल दौर में यहां कोई मैच का आयोजन नहीं हो सका. मोटेरा अब पूरी तरह तैयार है. 24 फरवरी को यहां भारत और इंग्लैंड के बीच डे-नाइट टेस्ट मैच शुरू होगा. इसके बाद दोनों टीमें चौथे और आखिरी टेस्ट के साथ-साथ 5 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज भी इसी स्टेडियम में खेलेंगी.
शनिवार को इंग्लैंड और भारत क्रिकेट टीम के खिलाड़ी जब स्टेडियम में प्रैक्टिस करने पहुंचे तब वह यहां की बनावट और सुंदरता देख कर चौंक गए और मोटेरा की बनावट देख खूब प्रशंसा करतेे हुए नजर आए. अब सबसे बड़ी बात यह है कि भारत और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट मैच देखने आ रहे दर्शकों में दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम को देखने के लिए कम रोमांच नहीं रहेगा .
विश्वस्तरीय सुख सुविधाओं के साथ इस स्टेडियम में एक लाख दस हजार दर्शक बैठ सकते हैं
अब आपको बताते हैं मोटेरा स्टेडियम में दर्शकों की बैठने की कितने क्षमता है. अभी तक दुनिया में ऑस्ट्रेलिया का मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) को सबसे बड़ा स्टेडियम माना जाता था. मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में एक लाख दर्शक मैच देख सकते हैं. वहीं मोटेरा स्टेडियम की दर्शक क्षमता 1 लाख 10 हजार है.
ऐसे में मोटेरा दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है. हम आपको बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने के लिए स्टेडियम में दर्शकों की संख्या पर निर्भर करती है. अब मोटेरा ने मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड से यह खिताब छीन लिया है. 63 एकड़ में फैले इस ग्राउंड की सुंदरता और बनावट देखते ही बनती है. इसके अलावा स्टेडियम में ओलिंपिक साइज का स्विमिंग पूल भी है. मैदान पर 11 पिच हैं, जो लाल और काली मिट्टी से बनी हुई हैं.
4 ड्रेसिंग रूम हैं. इसके अलावा बॉक्सिंग, बैडमिंटन, टेनिस के लिए अलग से कोर्ट बने हुए हैं. इतना ही नहीं, हॉकी और फुटबॉल फील्ड भी इसी परिसर में हैं. स्टेडियम में ऐसी एलईडी लाइट्स लगाई गई हैं, जिससे खिलाड़ियों की परछाई बहुत कम पड़ेगी. स्टेडियम में मुख्य मैदान के अलावा अभ्यास के लिए दो क्रिकेट के और एक मल्टी स्पोर्ट ग्राउंड भी हैं.
मोटेरा में खिलाड़ियों के लिए शानदार जिम की व्यवस्था है. इसके साथ यहां चार ड्रेसिंग रूम हैं . स्टेडियम में 55 कमरों का एक क्लब हाउस और 75 एयर-कंडीशन कॉर्पोरेट बॉक्स भी हैं. स्टेडियम में इनडोर गेम्स, रेस्तरां, के साथ-साथ जिम, पार्टी एरिया और 3डी थिएटर रूम और फिजियोथेरेपी सिस्टम और हाइड्रोथेरेपी सिस्टम भी है.
इससे चोटिल खिलाड़ियों को मैदान में ही उपचार दिया जा सकता है. यही नहीं मोटेरा स्टेडियम में पार्किंग की सुविधा भी बेहद जबरदस्त है. यहां एक ही वक्त में तीन हजार कारें और दस हजार दो पहिया वाहन खड़े हो सकते हैं. आइए अब जानते हैं इस स्टेडियम का इतिहास और यह कब से बनना शुरू हुआ .
वर्ष 1982 में मोटेरा स्टेडियम का पहली बार निर्माण शुरू हुआ था
बता दें कि अहमदाबाद से कुछ दूर गांव मोटेरा है. यहीं पर मोटेरा नाम से स्टेडियम का निर्माण 1982 में शुरू किया गया था. उस समय गुजरात सरकार ने इस स्टेडियम के निर्माण के लिए 50 एकड़ जमीन दानस्वरूप दी थी. इसका निर्माण कार्य इतना तेजी के साथ हुआ कि यह एक साल के अंदर ही बनकर तैयार हो गया. तब इस स्टेडियम में 55 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता थी. नवंबर 1983 में यहां भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया था.
उसके बाद इस मोटेरा में कई ऐतिहासिक मैच भी हुए. उसके बाद इस मैदान पर कई बड़े रिकॉर्ड कायम किए गए और भारत ने बड़ी जीत हासिल की. यही नहीं कई भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह मैदान बहुत भाग्यशाली भी रहा. महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने इसी मैदान पर साल 1987 में 10 हजार रन बनाने का रिकॉर्ड कायम किया था.
वहीं पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने इसी मैदान पर 434वां विकेट लेकर रिचर्ड हेडली को पछाड़ा था. वहीं 1999 में सचिन तेंदुलकर ने इसी मैदान पर टेस्ट क्रिकेट में पहला दोहरा शतक लगाया था. उसके बाद साल 2011 में हुए वर्ल्ड कप में भारत ने मोटेरा स्टेडियम में ही क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को हराया. आइए जानते हैं कैसे बदला इस स्टेडियम का आधुनिक स्वरूप. गुजरात में जब नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली तभी से वह मोटेरा को विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम बनाना चाहते थे, जो आधुनिक सुख सुविधाओं के साथ लैस हो. मोदी ने इसकी तैयारी वर्ष 2009 से शुरू कर दी थ
मुख्यमंत्री के साथ नरेंद्र मोदी गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहते हुए मोटेरा के बदलाव की रूपरेखा शुरू हो गई. बता दें कि वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद जब नरेंद्र मोदी दिल्ली आने की तैयारियों के दौरान उन्होंने मोटेरा स्टेडियम को वर्ल्ड में सबसे बड़ा बनाने का फैसला भी कर लिया था. उस दौरान मोदी ने गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े सदस्यों से कहा था, इस स्टेडियम को दुनिया में सबसे ‘बड़ा और बेस्ट’ बनाना है.
मोदी के दिल्ली जाने के बाद उनके इस सपने को आगे बढ़ाया गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (जीसीए) के नए अध्यक्ष अमित शाह एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष परिमल नथवाणी ने. नवंबर 2014 में इस मैदान पर क्रिकेट का अंतिम मैच खेला गया था. फिर अगले साल सितंबर 2015 में इस स्टेडियम को दुनिया का सबसे बेस्ट स्टेडियम और बड़ा बनाने के लिए बंद कर दिया गया. इस तरह वर्ष 2020 में यह मोटेरा विश्व का सबसे बड़ा और भव्य स्टेडियम बनकर तैयार हुआ.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार