उत्‍तराखंड

धूप खिलते ही टूटने लगे उत्तराखंड में ग्लेशियर, तवाघाट-लिपूलेख मार्ग बंद

उत्तर भारत में धीरे-धीरे तापमान बढ़ने लगा है. इसी के साथ पहाड़ों पर जमी बर्फ पिछलने लगी है. इस बीच उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में ग्लेशियर टूटने का भी खतरा मंडराने लगा है. जिसे लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. बता दें कि पिछले कई दिनों से उत्तराखंड के उच्च पर्वतीय इलाकों में जमकर बर्फबारी हो रही थी, लेकिन अब मौसम साफ हो गया है और धूप भी खिलने लगी है. जिससे ग्लेशियर पिघलने लगे हैं. जिसके चलते तेजी से पिघल रही बर्फ सड़कों पर जमा होने लगी है. इस वजह से यातायात बाधित हो रहा है. बुधवार को व्यास वैली में चम्पू नाले के पास ग्लेशियर टूटने से तवाघाट-लिपूलेख मार्ग बंद हो गया.

तेजी से पिछल रही बर्फ के चलते तहसील प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. बुधवार को दारमा वैली में छत पर जमा बर्फ के वजन से एक मकान ध्वस्त हो गया है. बता दें कि एक सप्ताह पहले ही मध्य से उच्च हिमालय में भारी हिमपात हुआ था. जिससे इलाके के गांवों में चार से पांच फुट तक बर्फ जम गई थी. लेकिन बुधवार को जैसी ही मौसम साफ हुआ बर्फ तेजी से पिघलने लगी है.

इस दौरान तवाघाट- लिपूलेख मार्ग के निकट सीपू और चम्पू ग्लेशियर टूटने से भारी बर्फ चम्पू नाले के पास जमा हो गई है. जिससे आदि कैलास को जोड़ने वाली मार्ग बंद हो गया. उसके बाद सीमा सड़क के कर्मचारियों ने मार्ग में जमा बर्फ को हटाने शुरू कर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि सड़क पर जमी बर्फ को हटाने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है.

उधर धारचूला तहसील क्षेत्र की दूसरी घाटी दारमा के नागलिंग गांव में ग्लेशियर के पिघलने के असर देखने को मिला. जहां एक पूर्व बीडीसी सदस्य मनोज नगन्याल के मकान के ऊपर इनती बर्फ जम गई कि उसके वजन से मकान ध्वस्त हो गया. बता दें कि पिछले दिनों हुई बर्फबारी के चलते मकान की छत पर भारी बर्फ जमा हो गई थी. बुधवार को बर्फ के भार से मकान की छत औ दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. नगन्याल ने घटना की सूचना तहसील प्रशासन को दे दी है.

पिछले सप्ताह हुई भारी बर्फबारी के चलते दारमा सड़क पर भी बर्फ जमी हुई है. जिसके चलते ये मार्ग अभी भी बंद पड़ा हुआ है. फिलहाल सीमा सड़क संगठन के कर्मचारियों ने सेलाथा तक जमा बर्फ को हटा दिया है. लेकिन आगे के इलाकों में काफी बर्फ जमा है. बर्फ हटाने के लिए एक मशीन लगाई गई है. बताया जा रहा है कि पूरी सड़क को खोलने में अभी 8-10 दिन का समय लग सकता है.

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