68 साल बाद एअर इंडिया की घर वापसी, अब रतन टाटा के हाथ में रहेगी कमान

इस समय एअर इंडिया के निजीकरण को लेकर बड़ी खबर आ रही है. कर्ज में जूझ रही एअर इंडिया को बेचने की सरकार की कोशिश आखिरकार कामयाब हो गई. इस एयरलाइन कंपनी को सालों बाद फाइनली नया मालिक मिल ही गया. सरकार ने एअर इंडिया के लिए बोली के विजेता का ऐलान कर दिया.

एअर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (AISAM) पैनल ने एयर इंडिया की फाइनेंशियल बोली पर फैसला लिया है. इस पैनल में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई महत्वपूर्ण मंत्री और अधिकारी शामिल हैं.

दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय बोलते हुए कहा कि कई बार बोली के लिए आवेदन मांगे गए, लेकिन फाइनली सितंबर में दो बिडर के नाम फाइनल हुए. एअर इंडिया के सभी कर्मचारियों का ध्यान रखा जाएगा. उन पर इसका असर नहीं होगा.

एअर इंडिया की कमान अब टाटा ग्रुप ही संभालेगी. डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी दीपम (Department of Investment and Public Asset Management- DIPAM) ने प्रेस काॅन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी दी है.

बता दें कि एअर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के अजय सिंह ने बोली लगाई थी. हाल ही में ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट में कहा था कि एअर इंडिया के लिए पैनल ने टाटा ग्रुप को चुन लिया है. बता दें कि दिसंबर तक टाटा को एयर इंडिया का मालिकाना हक मिल सकता है.

बता दें कि जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस (Tata airlines) की स्थापना की थी. अब 68 साल बाद वापस एअर इंडिया को टाटा ग्रुप ने सबसे अधिक बोली लगाकर खरीद लिया है.

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