आखिरकार विमानन कंपनी एयर इंडिया अब टाटा समूह के हाथों में चली गई है. टाटा ग्रुप द्वारा विमानन कंपनी एयर इंडिया के टेकओवर की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर पूरी हो गई है. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इस बात की पुष्टि की.
एन चंद्रशेखरन आज दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे. केंद्र सरकार ने विमानन कंपनी एयर इंडिया को गुरुवार को टाटा समूह को सौंप दिया है.
अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी थी कि करीब 69 साल पहले समूह से विमानन कंपनी लेने के बाद उसे अब फिर टाटा समूह को सौंपा जा रहा है. मालूम हो कि सरकार ने प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बाद आठ अक्टूबर को 18,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया को टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था.
यह टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी की अनुषंगी इकाई है. पहले कहा गया था कि टाटा समूह के पास एयर इंडिया की कमान आते ही पहले दिन से उड़ानों में यात्रियों के लिए खास सेवा शुरू होगी.
टाटा समूह मुंबई से संचालित होने वाली एयर इंडिया की चार उड़ानों में ‘उन्नत भोजन सेवा’ शुरू करके नई शुरूआत करेगा. यह सुविधा चार उड़ानों – AI864 (मुंबई से दिल्ली), AI687 (मुंबई से दिल्ली), AI945 (मुंबई से अबू धाबी) और AI639 (मुंबई से बेंगलुरु) में शुरू जाएगी. टाटा समूह के अधिकारियों द्वारा तैयार की गई उन्नत भोजन सेवा को धीरे-धीरे बाकी की उड़ानों तक विस्तारित किया जाएगा.
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी होने के करीब हैं. इसलिए एयर इंडिया को गुरुवार को समूह को सौंप दिए जाने की संभावना है. इस बीच दो एयरलाइन पायलट यूनियन, इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) और इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) ने एयर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विक्रम देव दत्त को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है. इसका कारण पायलटों की बकाया राशि पर कई कटौतियों और वसूली का अनुमान लगाया गया है.
इसके अलावा दो अन्य यूनियनों ने अपनी उड़ानों से ठीक पहले हवाई अड्डों पर चालक दल के सदस्यों के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) मापने के लिए कंपनी के 20 जनवरी के आदेश का विरोध किया है. एयर इंडिया कर्मचारी संघ (AIEU) और ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन (AICCA) ने सोमवार को दत्त को पत्र लिखकर इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि यह अमानवीय होने के साथ नागर विमानन महानिदेशालय के निर्धारित नियमों का उल्लंघन है.