शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने एक संदिग्ध पकड़ा जिसने बताया कि वह कथित तौर पर चार किसान नेताओं को गोली मारने के इरादे से वहां पहुंचा था और उसका मकसद 26 जनवरी को प्रस्तावित किसानों के ट्रैक्टर मार्च में अड़चन पैदा करना भी थी। इस संदिग्ध की 10 लोगों की टीम थी जिसमें से 2 महिलाएं हैं। हालांकि, बाद में संदिग्ध को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
किसान नेता कुलवंत सिंह ने सिंघू बॉर्डर पर की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि किसानों के आंदोलन में बाधा डालने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि मास्क पहले इस शख्स और उसके सहयोगियों को धमकाया गया है कि अगर उन्होंने कुछ भी जानकारी उगली तो उनके परिवारवालों को मार दिया जाएगा।
मीडिया से बात करते हुए इस संदिग्ध आदमी ने कहा, ‘हमने 26 जनवरी को किसानों को ट्रैक्टर रैली के लिए आगे बढ़ने से रोकने की योजना बनाई थी और अगर वे नहीं रुकते तो हम पहले हवा में फायरिंग करते और हमारे दूसरे सहयोगी पीछे से गोली चलाते ताकि वहां मौजूद पुलिस वालों को यह लगता कि उनपर किसान गोली चला रहे हैं। हम 10 लोगों की टीम थे, जिनमें से 2 महिलाएं हैं।’
इसके बाद संदिग्ध ने कहा, ‘हमारी टीम को यहां दो जगहों पर हथियार दिए गए थे। 26 जनवरी के लिए हमने योजना बनाई थी कि टीम के आधे सदस्य पुलिस की वर्दी पहने रहेंगे ताकि किसानों के समूहों को तितर-बितर कर सकें। हमें उन चार लोगों की तस्वीरें भी दी गई थीं, जिन्हें गोली मारनी थी। हमें निर्देश देने वाला शख्स एक पुलिसवाला है।’
उसने आगे कहा, ‘हम पैसों के लिए काम कर रहे थे। अभी कुछ और लोग हैं जो इस योजना में शामिल थे और जिन्हें पकड़ना बाकी है। मैं यह निवेदन करूंगा कि हमारे परिवारवालों को इसकी खबर न हो। हमें माहौल खराब करने के लिए 10-10 हजार रुपये दिए गए थे।’