नई दिल्ली| सुशांत सिंह राजपूत की मौत और उससे जुड़े बॉलीवुड के ड्रग्स केस की जांच लगातार जारी है. ड्रग्स केस की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी पर अब सुशांत के घर पर काम करने वाले नौकर ने गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखने का आरोप लगाया है.
सुशांत के घर पर काम करने वाले इस व्यक्ति ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इसमें उसने सरकार से 10 लाख रुपये का मुआवजा भी मांगा है. उसके अनुसार एनसीबी ने उसे गैर कानूनी रूप से हिरासत में रखा. यह संविधान के अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 22 का उल्लंघन है.
इस याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस कार्णिक की पीठ 6 नवंबर को सुनवाई करेगी.
याचिकाकर्ता को एनसीबी ने ड्रग्स मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत पकड़ा था. उस पर सुशांत के लिए ड्रग्स खरीदने का आरोप लगा था. इसके बाद उसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो हफ्ते पहले जमानत पर रिहा कर दिया था.
एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार उसने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि एनसीबी ने रिकॉर्ड में दर्शाया है कि उसे 5 सितंबर को रात आठ बजे गिरफ्तार किया गया था. लेकिन असल में उसे 4 सितंबर को रात दस बजे पकड़ा गया था.
इसके बाद उसे एनसीबी के पास ही रखा गया. उसके अनुसार उसे 6 सितंबर को दोपहर 1:30 बजे कोर्ट में पेश किया गया था. इसके बाद उसे एनसीबी की रिमांड में 9 सितंबर तक भेज दिया गया था.
याचिका में कहा गया है कि उसे कोर्ट के सामने 36 घंटे से अधिक समय के बाद पेश किया गया. यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस और संविधान के अनुच्छेद 22 का उल्लंघन है.
नियम के मुताबिक गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर ऐसा करना होता है. याचिकाकर्ता को 7 अक्टूबर को रिया चक्रवर्ती और सैमुअल मिरांडा के साथ ही हाईकोर्ट ने जमानत पर छोड़ दिया था.
एनसीबी ने दावा किया है कि याचिकाकर्ता को 5 सितंबर को रात आठ बजे गिरफ्तार किया गया था. लेकिन तत्काल उसकी गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी गई. बल्कि उसे 6 सितंबर को सुबह 11:40 बजे उसके भाई को फोन करने की अनुमति दी गई.
एनसीबी ने इसके पीछे सुप्रीम कोर्ट के एक केस (डीके बसु बनाम पश्चिम बंगाल सरकार) का हवाला दिया.