सर्वे में मोदी का करिश्मा बरकरार, राहुल गांधी की रेटिंग माइनस में


पीएम मोदी के करिश्मे और लोकप्रियता ने भाजपा की बागडोर संभाल रखी है, जो फिलहाल भाजपा के मुख्यमंत्री और सांसद स्तर पर सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है. आईएएनएस सी-वोटर स्टेट ऑफ द नेशन 2021 के सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है.

सरकार की छवि को हाल ही में झटका लगने के बावजूद, मोदी राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता के मामले में अपने प्रतिद्वंद्वियों से ऊपर हैं. कोविड-19 संकट के दौरान, दुनिया भर में सरकार समर्थक भावनाओं के आधार पर उनके समर्थकों की संख्या और बढ़ गई, जो मजबूत निर्णय लेने वाले नेता माने जाते हैं.

मोदी आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं, जितने 16 मई 2014 को थे, जब भाजपा ने लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी.

सांसद और सीएम स्तर पर सत्ता विरोधी लहर
सत्तारूढ़ गठबंधन के सीएम , पीएम मोदी के प्रदर्शन के मुकाबले पीछे हैं. हालांकि यह समझ में आता है कि स्थानीय नेता मोदी जैसे करिश्माई नेता के आगे सुस्त हैं, लेकिन लगातार पिछड़ापन भविष्य के चुनावी प्रदर्शन पर भारी पड़ सकता है. सी-वोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा कि मोदी टेफ्लॉन हो सकते हैं लेकिन उनके मुख्यमंत्री नहीं हैं. देशमुख ने कहा, ‘भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की एक तीन परते होगी, जहां वह सत्ता में है – केंद्र, राज्य और सांसद. मोदी को अपनी लोकप्रियता के साथ इन तीन परतों से निपटना होगा.’

केंद्र में बनी रहेगी बीजेपी
उन्होंने कहा कि भाजपा के पक्ष में, राष्ट्रीय स्तर पर कोई विकल्प नहीं है जबकि दिल्ली जैसे कुछ राज्य प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न दलों के लिए एक विभाजित जनादेश या मतदान का संकेत दे रहे हैं. ऐसे मामलों में, भाजपा केंद्र में बनी रहेगी, लेकिन अगर राज्य स्तर पर अलोकप्रियता अनियंत्रित हो जाती है, तो यह भगवा पार्टी के लिए मुश्किल पैदा करेगा. मोदी की विशुद्ध लोकप्रियता 25 सर्वेक्षणों में से 19 राज्यों में अखिल भारतीय औसत से अधिक (44.55) है. मोदी का तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के दो बड़े राज्यों में राष्ट्रीय औसत से कम स्कोर है. हालांकि, उत्तर प्रदेश में त्रिकोणीय मुकाबले में 45 फीसदी की अप्रूवल रेटिंग चुनावी रूप से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रधानमंत्री की इन्हीं रेटिंग्स के चलते ही भाजपा को 70 से अधिक लोकसभा सीटें और 300 से ज्यादा विधानसभा सीटें मिली थीं.

मोदी की लोकप्रियता
केंद्र सरकार की विशुद्ध अप्रूवल रेटिंग पीएम मोदी की लोकप्रियता से निकटता से संबंधित है. 36.5 का अखिल भारतीय औसत अंतराल मोदी का अखिल भारतीय औसत 44.55 के मुकाबले कम है. चुनावी तौर पर, मोदी की लोकप्रियता और उनकी सरकार के बीच की खाई को भाजपा द्वारा छेड़े गए मोदी लाभांश के रूप में परिभाषित किया गया है. इसके अलावा, मोदी की लोकप्रियता के ट्रेंड के समान, केंद्र सरकार की लोकप्रियता कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु और पंजाब में विशुद्ध रूप से औसतन नीचे है.

साभार- आईएएनएस

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