लखीमपुर हिंसा मामले में सोमवार सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. इसके तहत आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और उसने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
इस बीच एक अहम बात सामने आई है कि मामले पर गठित एसआईटी ने यूपी सरकार को 2 बार आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द करने को कहा था. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और हिंसा में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत दी गई थी.
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की विशेष पीठ ने 30 मार्च को , यूपी सरकार को आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के मामले में एसआईटी जांच की निगरानी कर रहे सेवानिवृत्त न्यायाधीश की दो रिपोर्टों पर चार अप्रैल तक जवाब देने का निर्देश दिया था. इस बीच सोमवार को हो रही सुनवाई में सीजीआई ने यूपी सरकार से पूछा है कि उसने एसआईटी की सिफारिश पर अपील क्यों नहीं किया.
सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हमें शुक्रवार को रिपोर्ट (एसआईटी) मिली है. और इसे राज्य सरकार को भेज दिया गया. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि जब पत्र लिखा गया तो आपने कोई जवाब नहीं दिया.
जानकारी के लिए आप को यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर 2021 को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. जिसमें 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत हो गई. जिसमें आशीष मिश्रा के ऊपर हवा में फायरिंग करने से लेकर किसानों पर जबरन चलती गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगा था.
उसके कुछ दिनों आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन उसे बाद में 10 फरवरी को जमानत मिल गई थी. अब उसी जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है.