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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, याचिकाएं खारिज-जानें क्या है ये प्रोजेक्ट

नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. अदालत ने कहा कि पर्यावरण समिति की सिफारिशें सही हैं. अदालत के फैसले के बाद नए संसद भवन बनाने का रास्ता साफ हो गया है, हालांकि हेरिटेज कंजरवेशन समिति से मंजूरी लेनी होगी.

बता दें कि नई संसद समेत कई अहम सरकारी इमारतों वाले सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में किसी भी निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी थी. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थी. इन याचिकाओं पर कोर्ट ने 5 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
राजपथ के दोनों तरफ के इलाके को सेंट्रल विस्टा का दर्जा दिया गया है. राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट के पास प्रिंसेस पार्क का इलाका इसके दायरे में आता है. राष्ट्रपति भवन, संसद, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, उपराष्ट्रपति का घर आता है.

इसके अलावा नेशनल म्यूजियम, नेशनल आर्काइव्ज, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स उद्योग भवन, बीकानेर हाउस, हैदराबाद हाउस, निर्माण भवन और जवाहर भवन भी सेंट्रल विस्टा परियोजना के हिस्सा हैं. सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत मोदी सरकार इस इलाके सजाने और संवारने की योजना पर काम कर रही है.

बताया जाता है कि संसद के अलावा इसके पास की सरकारी इमारतों को भी नए सिरे बनाने का है और इन सभी सरकारी इमारतों को सेंट्रल विस्टा कहा जाता है.

इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन की ओर करीब 3 किलोमीटर का ये सीधा रास्ता और इसके दायरे मे आने वाली इमारतें जैसे कृषि भवन, निर्माण भवन से लेकर संसद भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक,राष्ट्रपति भवन तक का पूरा इलाका सेंट्रल विस्टा कहलाता है.



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