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ज्ञानवापी मस्जिद केस: सुप्रीम कोर्ट ने फिर दिया दोनों पक्षों के भाईचारे पर जोर, 2 महीने बाद फिर होगी सुनवाई

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फाइल फोटो

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज ने दोनों पक्षों के आपसी सौहार्द्र और भाईचारे पर जोर दिया. ‌इस दौरान हिंदू और मुस्लिम के दोनों पक्ष मौजूद रहे. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद केस में जिला जज का ट्रांसफर कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई जारी रहेगी. कोर्ट ने कहा कि 17 मई का आदेश अगले 8 हफ्तों के लिए जारी रहेगा. गर्मियों की छुट्टियों के बाद जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई करेगा. अब मामले की सुनवाई बनारस के जिला जज करेंगे.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि समाज के विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारा और शांति हमारे लिए सबसे ऊपर है. हमारा अंतरिम आदेश जारी रह सकता है. इससे सब ओर शांति बनी रहेगी. पहले ट्रायल कोर्ट को मुस्लिम पक्ष की अपील, दलील और 1991 के उपासना स्थल कानून के उल्लंघन की अर्जी पर सुनवाई करने दें.

सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा कि मस्जिद में हमें वज़ू करने की अनुमति नहीं है. पूरे इलाके को सील कर दिया गया है जहां वजू किया जाता है. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम जिलाधिकारी से वैकल्पिक इंतजाम करने को कहेंगे.

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इसके भी इंतजाम किए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि हम ट्रायल कोर्ट को चलने से नहीं रोक सकते. शांति बनाए रखने के लिए संविधान में एक ढांचा बनाया गया है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि निचली अदालत को निर्देश देने के बजाय हमें संतुलन बनाना चाहिए.

वहीं, अहमदी ने उपासना स्थल कानून पर चर्चा शुरू की तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये आपका दूसरा नजरिया है. हिंदू पक्षकार की ओर से सीनियर वकील वैद्यनाथन ने कहा कि हम न्यायाधीश के विवेक पर किसी तरह का दबाव या अंकुश नहीं चाहते.

सुनवाई के दौरान पहले क्या होना चाहिए, ये जिला जज के विवेक पर छोड़ देना चाहिए. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब तक जिला जज मामले को सुने हमारा पहले का अंतरिम आदेश जारी रह सकता है, जिसमें हमने शिवलिंग को सुरक्षित रखने और नमाज को न रोकने को कहा था. ये सभी पक्षों के हितों की रक्षा करेगा.

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